पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे को बैंक ऋण चूक मामले में मिली जमानत
- जांच एजेंसी ने 9.37 लाख रुपये के कथित बैंक ऋण चूक मामले में 25 साल पहले गिरफ्तार किया था
डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को असम के पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया के सबसे बड़े बेटे अशोक सैकिया को जमानत दे दी, जिन्हें जांच एजेंसी ने 9.37 लाख रुपये के कथित बैंक ऋण चूक मामले में 25 साल पहले गिरफ्तार किया था।
कांग्रेस विधायक दल के नेता देवव्रत सैकिया के भाई सैकिया जमानत मिलने और सीबीआई हिरासत में एक रात बिताने के बाद गुवाहाटी में अदालत परिसर से बाहर आए।
सैकिया ने अदालत के बाहर मीडिया से कहा, मैंने यह बताते हुए दस्तावेज पेश किए कि मेरे नाम पर बैंक में मेरा कोई बकाया नहीं है। सीबीआई ने मुझसे कोई पूछताछ नहीं की।
1996 में असम राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक से लिए गए 9.37 लाख रुपये के ऋण से संबंधित एक मामले में सीबीआई की एक टीम ने रविवार को सैकिया को सरुमतारिया स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया।
मामला शुरू में 1998 में गुवाहाटी के पलटन बाजार पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। बाद में 2001 में जांच एजेंसी के पास दो शिकायतें दर्ज होने के बाद इसे सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया था।
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने मीडिया को बताया कि उनके भाई को उस कर्ज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था जिसे उन्होंने बहुत पहले ही बैंक को चुका दिया था और उन्हें निश्चित रूप से अदालत से न्याय मिलेगा।
रविवार को, कांग्रेस ने एक पत्र जारी किया था जिसमें दिखाया गया था कि सैकिया ने 1996 में व्यवसाय के लिए बैंक से 9,37,701 रुपये का ऋण लिया था, लेकिन 2015 में उन्होंने बकाया राशि का भुगतान कर दिया था। बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक एचएन बोरा ने 10 अक्टूबर 2015 को लिखे एक पत्र में कहा था कि समझौता समझौता योजना के तहत ऋण का परिसमापन किया गया था।
(आईएएनएस)
Created On :   9 Nov 2021 12:00 AM IST