UP बार काउंसिल की पहली महिला प्रेसिडेंट की हत्या, आगरा कोर्ट में सहयोगी ने ही चलाई गोली
- यूपी बार काउंसिल की पहली महिला प्रेसिडेंट दरवेश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई
- आगरा के सिविल कोर्ट में उनके ही सहयोगी मनीष शर्मा पर हत्या करने का आरोप लगा है
- बाद में शर्मा ने खुद को भी गोली मारकर खुदकुशी करने की कोशिश की
डिजिटल डेस्क, आगरा। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की पहली महिला प्रेसिडेंट दरवेश यादव की बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। आगरा के सिविल कोर्ट में उनके ही सहयोगी मनीष शर्मा पर हत्या करने का आरोप लगा है। बाद में शर्मा ने खुद को भी गोली मारकर खुदकुशी करने की कोशिश की। शर्मा को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आगरा शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण वर्मा ने बताया कि ये घटना दोपहर करीब 02.30 बजे की है। हमलावर एडवोकेट मनीष शर्मा थे, जिन्होंने यादव पर तीन राउंड फायर किए, जो एडवोकेट अरविंद कुमार मिश्रा के चैंबर के अंदर थे। तीन राउंड फायर करने के बाद मनीष ने खुद को भी गोली मार ली। घटना के तुरंत बाद दोनों को पुष्पांजलि अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने यादव मृत घोषित कर दिया। शर्मा की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि वकील ने जिस पिस्तौल का इस्तेमाल किया वह एक लाइसेंसी हथियार है और पुलिस ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है।
दरवेश यादव 9 जून को प्रयागराज में बार काउंसिल की प्रेसिडेंट चुनी गई थी। वह बार काउंसिल की पहली महिला प्रेसिडेंट थीं। मनीष शर्मा उनके करीबी सहयोगी थे। दोनों अपने चैंबर में वकीलों से मिल रहे थे ताकि उनके समर्थन के लिए उनका शुक्रिया अदा कर सके। कुछ चश्मदीदों ने कहा कि वरिष्ठ वकील अरविंद मिश्रा के चैंबर में दोनों के बीच तीखी बहस हो गई। इसके बाद मनीष शर्मा ने अपना आपा खोते हुए पिस्तौल निकाली और प्वाइंट ब्लैंक रेंज से दरवेश पर फायर कर दिया।
चौंकाने वाले हत्या के इस मामले के सामने आने के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसकी निंदा की। उन्होंने अपने सदस्यों के लिए सुरक्षा की मांग की और यूपी सरकार से उनके परिवार को न्यूनतम 50 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए कहा। एसोसिएशन ने राज्य सरकार से मामले की विशेष जांच करने की भी मांग की है।
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने इस घटना पर ट्वीट कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है, मायवती ने कहा, "यूपी बार कौन्सिल की नवनिर्वाचित अध्यक्ष दरवेश यादव की आगरा कोर्ट परिसर में जघन्य हत्या अति-दुःखद व अति-निन्दनीय। साथ ही शामली में पुलिस द्वारा पत्रकारों की अकारण पिटाई जैसी घटनायें साबित करती हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी के शासन में अराजकता व जंगलराज और भी ज्यादा बढ़ गया है।"
Created On :   12 Jun 2019 6:52 PM IST