पहले पश्चिम एशिया क्वाड शिखर सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा पर ध्यान दिया जाएगा : अमेरिका

First West Asia Quad Summit will focus on food security: US
पहले पश्चिम एशिया क्वाड शिखर सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा पर ध्यान दिया जाएगा : अमेरिका
आई2यू2 पहले पश्चिम एशिया क्वाड शिखर सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा पर ध्यान दिया जाएगा : अमेरिका

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। भारत, इजरायल, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के नए पश्चिम एशिया-केंद्रित क्वाड के पहले शिखर सम्मेलन का फोकस खाद्य सुरक्षा पर रहेगा। इस सिलसिले में राष्ट्रपति जो बाइडेन यात्रा इस सप्ताह इस्राइल से शुरू होगी।

बाइडेन का अगला पड़ाव सऊदी अरब होगा, जो उनकी पश्चिम एशिया यात्रा के सभी प्रचार और ध्यान को आकर्षित करेगा, विशेष रूप से मोहम्मद बिन सलमान, क्राउन प्रिंस के साथ उनकी मुलाकात, जिस पर अमेरिका द्वारा जमाल खशोगी की हत्या का आदेश देने का आरोप लगाया गया है। खशोगी असंतुष्ट सऊदी नागरिक था, जो अमेरिका में रहता था और वाशिंगटन पोस्ट के लिए स्तंभकार के रूप में काम करता था।

नए क्वाड को आई2यू2 (भारत और इजराइल 2 और यूएस व यूएई 2) कहा जाता है। इसकी शुरुआत अक्टूबर 2021 में की गई थी। इसका मकसद पश्चिम एशिया और एशिया में आर्थिक व राजनीतिक सहयोग का विस्तार करना है।

बुधवार से शुरू हो रहे चार दिवसीय इस्राइल दौरे के दौरान बाइडेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस्राइल के प्रधानमंत्री यायर लापिड और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद के साथ वर्चुअल तौर पर भाग लेंगे।

वेस्ट एशिया क्वाड चार देशों का तीसरा समूह है, जिसमें हाल के वर्षो में अमेरिका को एक सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इसमें शामिल अन्य देश हैं भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान, जो हिंद महासागर में 2004 की सुनामी के बाद इन देशों के बीच सहयोग से विकसित हुआ था।

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने सोमवार को व्हाइट हाउस के पत्रकारों को ब्रीफिंग करते हुए कहा कि बाइडेन खाद्य सुरक्षा पर ध्यान देने के साथ इजरायल, यूएई और भारत के नेताओं के साथ चार तरह का वर्चुअल शिखर सम्मेलन करेंगे।

हालांकि सुलिवन के बॉस बाइडेन, बिन सलमान के साथ आगामी बैठक के लिए पहले से ही आलोचना का सामना कर रहे हैं। आलोचना करने वालों में उनकी अपनी डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य भी शामिल हैं।

बाइडेन का बयान शनिवार को द वाशिंगटन पोस्ट में आया था, जिसमें उन्होंने कहा है, आज, सऊदी अरब ने खाड़ी सहयोग परिषद के छह देशों के बीच एकता बहाल करने में मदद की है, यमन में संघर्ष विराम का पूरा समर्थन किया है और अब अन्य ओपेक उत्पादकों के साथ तेल बाजारों को स्थिर करने में मदद करने के लिए मेरे विशेषज्ञों के साथ काम कर रहा है।

हालांकि, तेल की कीमतों को स्थिर करने के सऊदी अरब के प्रयास, अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए बाइडेन के कारणों में सबसे ऊपर रहे होंगे। तेल की बढ़ती कीमतें उन्हें पहुंचा रही हैं और 40 वर्षो में उच्चतम मुद्रास्फीति नवंबर में होने वाले मध्यावधि चुनावों में डेमोक्रेट्स को पंगु बना सकती है।

डेमोक्रेट अब व्हाइट हाउस और कांग्रेस के दो कक्षों, प्रतिनिधि सभा और सीनेट को नियंत्रित करते हैं। सत्ता में रहने वाली पार्टी के लिए मध्यावधि चुनाव ऐतिहासिक रूप से निर्दयी रहा है, इसलिए डेमोक्रेट्स को प्रतिनिधि सभा में बहुमत खोने की आशंका है।

 

आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   12 July 2022 4:31 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story