पद्मावत के विरोध में अब दिग्विजय सिंह भी, बोले- इतिहास से छेड़छाड़ ठीक नहीं

Films that hurt religion or caste should not be released says Digvijay Singh on Padmaavat
पद्मावत के विरोध में अब दिग्विजय सिंह भी, बोले- इतिहास से छेड़छाड़ ठीक नहीं
पद्मावत के विरोध में अब दिग्विजय सिंह भी, बोले- इतिहास से छेड़छाड़ ठीक नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की फिल्म "पद्मावत" शुक्रवार को रिलीज कर दी गई, लेकिन इसपर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभी तक तो करणी सेना और बीजेपी ही पद्मावत का विरोध कर रही थी, लेकिन अब कांग्रेस के सीनियर लीडर और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी इस विरोध में उतर आए हैं। दिग्विजय सिंह ने भी कहा है कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने वाली फिल्में नहीं बननी चाहिए। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने भी इसी तरह की बात कही है। बता दें कि पद्मावत आज रिलीज हो गई है, लेकिन मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान और गोवा में इस फिल्म को रिलीज नहीं किया गया है।


तथ्यों से परे इतिहास को नहीं दिखाना चाहिए : दिग्विजय

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ये कहते हुए फिल्म का विरोध किया है कि "तथ्यों से छेड़छाड़ कर इतिहास को नहीं दिखाया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि "किसी भी धर्म और जाति या ऐतिहासिक तथ्य से हटकर फिल्में नहीं बननी चाहिए। अगर इससे किसी जाति या धर्म को ठेस पहुंचती है, तो ऐसी फिल्में नहीं बननी चाहिए।" दिग्विजय ने कहा कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ वाली फिल्में नहीं बननी चाहिए।

इतिहास के साथ तोड़फोड़ करने की इजाजत नहीं : वीके सिंह

वहीं केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने भी पद्मावत फिल्म का विरोध करते हुए कहा है कि जब चीजें सहमति से नहीं होती है, तो फिर गड़बड़ी होने लगती है। उन्होंने कहा कि "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इतिहास को तोड़फोड़ करने की इजाजत नहीं देती है। जो लोग इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं, उनके साथ बैठकर इस विवाद को सुलाझाया जाना चाहिए। जब चीजें सहमति से नहीं होती है, तो फिर उसमें गड़बड़ होती है।"

"थप्पड़" से लेकर "रिलीज" तक, जानें "पद्मावत विवाद" में कब-कब क्या हुआ ?


क्या है "पद्मावत विवाद"?

पद्मावत फिल्म का सारा विवाद रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के प्रसंगों को लेकर है। राजस्थान की करणी सेना समेत कई राजपूत संगठनों ने आरोप लगाया कि संजय लीला भंसाली अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के प्रेम प्रसंगों को फिल्म में दिखाकर राजपूत समुदाय का अपमान कर रहे हैं। राजपूत करणी सेना का मानना है कि इस फिल्म में रानी पद्मावती और खिलजी के फिल्माए गए सीन्स से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसके अलावा करणी सेना का ये भी कहना था कि इस फिल्म में रानी पद्मावती को "घूमर" करते दिखाया गया है, जबकि राजपूत राजघरानों में रानियां घूमर नहीं करती। इसलिए करणी सेना ने इस फिल्म पर बैन लगाने की मांग की। काफी विवाद के बाद सेंसर बोर्ड और फिर सुप्रीम कोर्ट से भी पद्मावत को हरी झंडी मिल गई। उसके बावजूद करणी सेना इस फिल्म को बैन करने की जिद पर अड़ी हुई है।

Created On :   25 Jan 2018 1:07 PM IST

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