Farmers Protest: साढ़े सात घंटे के मंथन में कई मुद्दों पर बनी सहमति, 5 को अगली बैठक, तोमर बोले- भ्रम दूर करने के लिए हर उपाय करेंगे
- समर्थन मूल्य की व्यवस्था से छेड़छाड़ नहीं
- सरकार चिंताओं पर चर्चा को तैयार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा संसद से पारित कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार आंठवें दिन भी जारी रहा। आंदोलन के कारण गुरुवार को लगातार आठवें दिन दिल्ली एनसीआर का यातायात प्रभावित है। कई बॉर्डर अभी भी बंद हैं। वहीं कई सड़कों को किसानों ने जाम कर दिया है। वहीं दूसरी ओर विज्ञान भवन में हुई सरकार और किसान नेताओं के बीच साढ़े सात घंटे से अधिक चली बातचीत एक बार फिर बेनतीजा ही खत्म हो गई। हालांकि किसानों ओर सरकार के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी है। अब अगली बैठक 5 दिसंबर को होगी। बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज किसान यूनियन के साथ भारत सरकार के चौथे चरण की चर्चा हुई है। इस दौरान किसान यूनियन और सरकार ने अपना-अपना पक्ष रखा।
इसके साथ ही तोमर ने कहा कि किसानों की जमीन को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। इस भ्रम को दूर करने के लिए सरकार सभी काम या उपाय करेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को जमीन संबंधी समस्या नहीं होगी। सरकार की ओर से कहा गया है कि बैठक में तोमर ने किसान संगठनों के नेताओं की सभी आशंकाओं को दूर किया है। भारतीय किसान यूनियन के साथ दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई इस वार्ता के बाद तोमर ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निजी मंडियों में केवल पैन के आधार पर व्यापार न हो। केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि व्यापारियों का पंजीकरण अनिवार्य रूप से किया जाए।
समर्थन मूल्य की व्यवस्था से छेड़छाड़ नहीं
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि समर्थन मूल्य की व्यवस्था बनी रहेगी, इससे किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि विवाद की स्थिति में पहले एसडीएम कोर्ट में जाने की बात थी। लेकिन, किसानों की मांग को देखते हुए इसे सीधे न्यायालय में ले जाए जाने की बात पर विचार किया जा रहा है।
सरकार चिंताओं पर चर्चा को तैयार
तोमर ने कहा कि किसान यूनियन की पराली के संबंध में एक अध्यादेश पर शंका है, विद्युत एक्ट पर भी उन्हें समस्या है, इस पर भी सरकार चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि आज की चर्चा अच्छे माहौल में हुई, किसानों ने सही तरीके से अपने विषयों को रखा, जो बिंदु निकले, उन पर सबकी लगभग सहमति बनी है।
एपीएमसी को और सशक्त करेगी सरकार
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसान यूनियन और किसानों की एक चिंता यह है कि नए कानून से एपीएमसी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस पर विचार करेगी एपीएमसी सशक्त हो और एपीएमसी का उपयोग और बढ़े। बता दें कि अब किसानों और भारत सरकार के बीच अगली बातचीत पांच दिसंबर को होगी।
सरकार बिलों में संशोधन चाहती है: टिकैत
सरकार के साथ बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने MSP पर संकेत दिए हैं। सरकार बिलों में संशोधन चाहती है। आज बात कुछ आगे बढ़ी है। आंदोलन जारी रहेगा। 5 दिसंबर को बैठक फिर से होगी।
सरकार मानती है, MSP रहेगी: टाडा
आजाद किसान संघर्ष समिति के हरजिंदर सिंह टाडा ने कहा कि सरकार मानती है कि MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) रहेगी। बात आगे बढ़ी है। हम लोगों ने कहा कि तीनों कानून वापिस लो। उसके बाद MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर गारंटी दी जाए।
Created On :   3 Dec 2020 8:41 PM IST