इस किसान ने खेती के लिए बनाई अद्भुत मशीन, देश-विदेश में बढ़ रही मांग
डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । नरसिंहपुर जिले के विकासखंड गोटेगांव के ग्राम मेख के किसान रोशनलाल विश्वकर्मा ने ऐसी मशीन बनाई है, जिससे खेत में गन्ना की बुवाई करना आसान हो गया है। इससे गन्ने की बुवाई में 90 प्रतिशत तक बीज की बचत होती है। मशीन की उपयोगिता को देखते हुए देश के गन्ना उत्पादक उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तामिलनाडु आदि प्रदेशों में ही नहीं, बल्कि ब्रााजील, केन्या, इथोपिया जैसे देशों में भी मांग है। कृषक रोशनलाल अपनी मशीन बड चिपर के लिए न केवल प्रदेश में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी पुरस्कृत हो चुके हैं। उन्हें जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा कृषक फैलो सम्मान भी दिया जा चुका है। अभी हाल ही में उन्हें राजस्थान के उदयपुर में किसान वैज्ञानिक के रूप में सम्मानित किया गया था।
मशीन का आविष्कार 2003 में किया
रोशनलाल बताते हैं कि उन्होंने मशीन का आविष्कार 2003 में किया था। 2006 से गन्ना किसानों को देना प्रारंभ किया। उन्होंने इस मशीन का पेटेंट भी करा लिया है। उन्होंने इस मशीन के 3 मॉडल तैयार किये हैं। पहला मॉडल हाथ से चलाने वाली बड चिपर मशीन, दूसरा मॉडल पैरों से चलाई जाने वाली फुट मशीन और तीसरा मॉडल मोटर द्वारा चलित पॉवर मशीन है। वे गन्ना उत्पादन लोगों की मांग पर इसे देश- विदेश में भिजवाते हैं। वे अब तक 10 हजार से अधिक मशीन देश में और 100 से अधिक मशीन विदेशों में सप्लाई कर चुके हैं।
यह है तरीका
रोशनलाल बताते हैं कि गन्ना लगाने की सामान्य पद्धति में सीधे गन्ने के टुकड़ों को खेतों में लगाया जाता है, ऊपर से मिट्र्टीं पूर दी जाती है। इसके बाद इसमें पानी देकर गन्ने को दबाना पड़ता है। इस पद्धति में एक एकड़ में 35 से 40 क्विंटल गन्ना बीज लगता है। उनके द्वारा बनाई गई बड चिपर मशीन से गन्ने के टुकड़ों से केवल उसकी आंख (बड) सुरक्षित निकाल ली जाती है। इसी गन्ने की आंख (बड) को खेत में सीधे लगाया जा सकता है या इस बड से पॉलीथिन में या प्लास्टिक की ट्रे से गन्ने की पौध भी तैयार की जा सकती है। गन्ने की आंख से गन्ने के कल्ले निकलते हैं। सामान्य पद्धति से गन्ने की फसल के लिए पूरे गन्ने का उपयोग किया जाता है। बड चिपर मशीन से गन्ना लगाने में केवल गन्ने की आंख वाला छोटा सा डेढ़ इंच का गन्ने का टुकड़ा ही लगाना होता है, शेष गन्ने का उपयोग गुड़ या शक्कर बनाने में किया जाता है। इस विधि में एक एकड़ में केवल डेढ़ क्विंटल ही गन्ना ही लगता है। सामान्य पद्धति से गन्ने के बीजोपचार में अधिक मेहनत लगती है। बड चीपर वाली पद्धति में गन्ने का बीजोपचार आसान हो जाता है। इससे गन्ने में कोई रोग नहीं लगता और इसकी अधिक पैदावार होती है। पुरानी पद्धति से गन्ना लगाने में औसतन एक एकड़ में 300 से 400 क्विंटल गन्ना पैदा होता है, वहीं बड पद्धति से लगाने में 400 से 500 क्विंटल गन्ना पैदा होता है। इसके अन्य फायदें भी हैं। खेत में गन्ने के बीज का परिवहन आसान होता है। श्रम की बचत होती है, मजदूर भी कम लगते हैं और किसान की आय में वृद्धि होती है।
बड चिपर मशीन किसानों के लिए बहुत उपयोगी
सहायक संचालक गन्ना डॉ. अभिषेक दुबे बताते हैं कि बड चिपर मशीन किसानों के लिए बहुत उपयोगी है। वे कृषक रोशनलाल की सराहना करते हुए कहते हैं कि शासन की मंशा है कि कृषि को लाभ का धंधा बनाया जाये। बड चिपर मशीन से शासन की मंशा पूरी हो रही है। गन्ना की खेती में गन्ना बीज की मात्रा 90 प्रतिशत तक कम हो जाती है और उत्पादन अधिक होता है।
Created On :   24 Feb 2018 2:25 PM IST