वर्ल्ड बैंक के कार्यकारी निदेशक पहुंचे बुंदेलखंड, परखी जल जीवन मिशन की गुणवत्ता

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
जल जीवन मिशन वर्ल्ड बैंक के कार्यकारी निदेशक पहुंचे बुंदेलखंड, परखी जल जीवन मिशन की गुणवत्ता
हाईलाइट
  • ग्रामीणों के चेहरों पर संतोष

डिजिटल डेस्क, झांसी। वर्ल्ड बैंक के कार्यकारी निदेशक और राष्ट्रीय नीति आयोग के निवर्तमान सीईओ परमेश्वरन अय्यर सोमवार को बुंदेलखंड के गांव में जल जीवन मिशन को मिल रही सफलता देखने पहुंचे। उन्होंने यहां घर-घर तक नल से पहुंचाए जा रहे पेयजल की गुणवत्ता परखी।

झांसी के कई गांव में पहुंचकर उन्होंने योजना का लाभ उठा रहे ग्रामीणों से बातचीत की। सुदूर गांव में भी नल से पहुंच रही जल की आपूर्ति देखकर वो काफी प्रभावित हुए। उन्होंने योजना को जमीन पर उतारने वाले अधिकारियों की तारीफ की। उनके साथ नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव, जल निगम (ग्रामीण) के एमडी डॉ.बलकार सिंह, झांसी के जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार और सीडीओ समेत जिले के तमाम आला अधिकारी भी मौजूद रहे।

जल जीवन मिशन के आला अधिकारियों के साथ परमेश्वरन अय्यर ने लगभग आठ घंटे तक झांसी के कई गांव का निरीक्षण किया। वे मुख्यालय से 80 किमी दूर पुरवा ग्रामसभा पेयजल योजना के तहत घाटकोटरा स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां प्राथमिक विद्यालय में उन्होंने एफटीके प्रशिक्षित महिलाओं और विलेज वॉटर सप्लाई कमेटी के सदस्यों से वार्ता की। एफटीके समूह की प्रशिक्षित महिला नीतू ने उनको पानी की हार्डनेस टेस्टिंग और पीएच टेस्ट करके दिखाया। पानी की गुणवत्ता को जांचते हुए उन्होंने ग्रामीण श्यामकुंवर के घर पहुंचकर सप्लाई का पानी पीकर स्वच्छ जल की आपूर्ति को सुनिश्चित किया। ग्रामीणों की बरसों की तकलीफों का अंत देखकर और प्रदेश सरकार में हर घर तक स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति शुरू होने से ग्रामीणों के चेहरों पर संतोष देखकर योजना से जुड़े अधिकारियों की सराहना की।

उन्होंने एफटीके लैब का भी निरीक्षण किया। उन्होंने बारीकी से एफटीके की कार्यशैली का जायजा लिया। प्रशिक्षित महिलाओं की ओर से की जा रही जांच और उसके बाद जल जीवन मिशन के पोर्टल पर उसको फीड किये जाने की पूरी प्रक्रिया को देखकर उन्होंने काम की तारिफ की। गांव-गांव में पानी की जांच का जिम्मा संभालने वाली महिलाओं की मजबूत भागीदारी देखकर उन्होंने ताली बजाकर उन सबका उत्साहर्धन किया। परमेश्वरन अय्यर ने गांव की महिलाओं से पूछा कि पानी की सप्लाई कब से मिल रही है? जवाब मिला एक महीने से। उन्होंने पूछा कि दिन में कितनी बार सप्लाई मिलती है? महिलाओं ने कहा सुबह और शाम दो बार। इसके बाद उन्होंने सवाल किया कि आपको पानी सप्लाई मिलने से कैसा लग रहा है? महिलाओं से जवाब मिल बहुत अच्छा। उन्होंने ग्राम प्रधानों से भी जलापूर्ति के बारे में जानकारी ली। जल संचयन का सुझाव भी दिये। ग्रामीणों से सोखता बनाकर जल संरक्षण करने में सहभागिता देने को कहा। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही परमेश्वरन अय्यर ने नीति आयोग के सीईओ के पद को छोड़ा है। परमेश्वरन अय्यर वर्ल्ड बैंक के नए कार्यकारी निदेशक बनाए गए हैं।

 

आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   27 Feb 2023 9:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story