मंत्री के दस्तावेज लीक मामले में सीबीआई के पूर्व अधिकारी को मिली जमानत

Ex-CBI officer gets bail in ministers document leak case
मंत्री के दस्तावेज लीक मामले में सीबीआई के पूर्व अधिकारी को मिली जमानत
महाराष्ट्र मंत्री के दस्तावेज लीक मामले में सीबीआई के पूर्व अधिकारी को मिली जमानत
हाईलाइट
  • सीबीआई ने डागा को मुंबई से और तिवारी को दिल्ली से गिरफ्तार किया था

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच को भटकाने के लिए कथित रूप से गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में गिरफ्तार किए गए सीबीआई के पूर्व सब-इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी को यहां की एक अदालत ने जमानत दे दी। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने जमानत देते हुए कहा कि तिवारी सीबीआई के पूर्व अधिकारी हैं और समाज में उनकी जड़ें हैं।

अदालत ने 11 फरवरी को अपने आदेश में कहा कि मौजूदा मामले के आरोप बड़े आर्थिक अपराधों से संबंधित नहीं हैं, इसलिए इसे गंभीर अपराधों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। इसने यह भी बताया कि लगभग समान भूमिका वाले अन्य आरोपी व्यक्तियों को हाल ही में जमानत पर रिहा किया जा चुका है। यह भी निर्देश दिया गया कि तिवारी को जमानत राशि के साथ 1,00,000 रुपये का निजी मुचलका जमा करना होगा। इसी अदालत ने 31 जनवरी को देशमुख के वकील आनंद डागा और उनके सोशल मीडिया मैनेजर वैभव गजेंद्र तुमाने को जमानत दे दी थी।

सीबीआई ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि तुमाने ने ही डागा से संवेदनशील रिपोर्ट एकत्र की, इसकी प्रतियां तैयार कीं और उन्हें कोरियर के माध्यम से दिल्ली के विभिन्न पतों पर भेजा। प्राथमिकी के अनुसार जांच रिपोर्ट तैयार करने में जांच अधिकारी की सहायता कर रहे अधिकारी तिवारी के पास संवेदनशील दस्तावेज थे। उन्होंने कथित तौर पर कई मौकों पर व्हाट्सएप के जरिए डागा के साथ मामले की जांच से संबंधित विभिन्न दस्तावेजों- जैसे कार्यवाही ज्ञापन, सीलिंग-अनसीलिंग ज्ञापन, बयान, जब्ती ज्ञापन आदि की प्रतियां साझा कीं।

सीबीआई ने कहा कि जांच से पता चला है कि तिवारी और डागा दिल्ली, मुंबई और पुणे में व्यक्तिगत रूप से मिले थे और पिछले साल 14 अप्रैल के बाद से व्हाट्सएप कॉल और मैसेज और एसएमएस के जरिए नियमित रूप से संपर्क में थे। जांच से पता चला है कि डागा ने सीबीआई अधिकारी के लिए 95,000 रुपये का आईफोन खरीदा था और केस संवेदनशील और गोपनीय दस्तावेजों को साझा करने के एवज में उसे अवैध संतुष्टि के रूप में दिया था। सीबीआई ने डागा को मुंबई से और तिवारी को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। बाद में डागा को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली की एक जेल में भेज दिया गया।

 

(आईएएनएस)

Created On :   15 Feb 2022 11:30 PM IST

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