INX मीडिया केस: तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद ED ने चिदंबरम को किया गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को पी चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया। तिहाड़ जेल में पूछताछ करने के बाद चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया है। एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को ईडी को इस मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता से पूछताछ करने और जरुरत पड़ने पर गिरफ्तार करने की अनुमति दी थी।
ED की टीम सुबह करीब 8.15 बजे तिहड़ जेल पहुंची और लगभग दो घंटे तक परिसर में मौजूद रही। जेल परिसर में चिदंबरम की पत्नी और बेटा भी मौजूद थे। इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, चिदंबरम के बेटे कार्ति ने कहा: "मैं अपने पिता से मिलने आया था। प्रक्रिया के नाम पर ये जो कुछ किया जा रहा है वह सब पॉलिटिकल ड्रामा है। ये पूरी जांच फर्जी है।
चिदंबरम ने अब तक सीबीआई और न्यायिक हिरासत में लगभग 55 दिन बिताए हैं। ED ने शुक्रवार को पी चिदंबरम के प्रोडक्शन वारंट के लिए कोर्ट का रुख किया था। जांच एजेंसी ने अपनी दलील में कहा था कि उसे मामले में चिदंबरम से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है। ईडी के कोर्ट जाने के बाद स्पेशल जज अजय कुमार कुहर ने आदेश दिया कि चिदंबरम को 14 अक्टूबर (सोमवार) को दोपहर 3 बजे से पहले पेश किया जाए।
इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बहस करते हुए कहा था कि विदेश में फर्जी कंपनियों और 17 बैंक खाते से संबंधित सूचना प्राप्त करने के लिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत है। उन्होंने अदालत से यह भी कहा था कि यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि इस मामले में हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है। इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अगले दिन मंगलवार को कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि ईडी बुधवार को तिहाड़ जेल में चिदंबरम से पूछताछ कर सकती है और जरूरत पड़ने पर उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है।
बता दें कि सबीआई और ईडी दोनों अलग-अलग इस मामले की जांच कर रही है। सीबीआई ने 21 अगस्त को चिंदबरम को उनके जोर बाग स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। 22 अगस्त को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें चार दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया था। बाद में 5 सितंबर को उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया। बाद में सीबीआई की मांग पर उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाकर 17 अक्टूबर तक कर दी गई।
पी चिदंबरम के वकीलों ने इस दौरान अदालत में एक अन्य आवेदन भी दिया था जिसमें कहा गया था कि चिदंबरम प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामले में आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। चिदंबरम के इस आवेदन पर 12 सितंबर को सुनवाई हुई थी। हालांकि अदालत ने चिंदबरम के इस आवेदन को खारिज कर दिया।
इस दौरान ED की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम के आवेदन का विरोध किया। उन्होंने स्पेशल जज अजय कुमार कुहर से कहा था, "हमने इस मामले के छह लोगों को तलब किया है। उनमें से तीन से पूछताछ की गई। हमें सभी छह व्यक्तियों से पूछताछ करना है ताकि हम आरोपी (चिदंबरम) का उनसे सामना करा सकें। वह (चिदंबरम) सबूतों से छेड़छाड़ करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि वह पहले से ही न्यायिक हिरासत में है।" उन्होंने कहा "उचित समय पर चिदंबरम को गिरफ्तार किया जाएगा।"
2007 में जब UPA-1 में चिदंबरम वित्त मंत्री थे उस वक्त उन्होंने मुंबई की INX मीडिया कंपनी को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी दिलाने में मदद की थी। उन्होंने अनियमितता बरतते हुए मीडिया समूह को FIPB क्लीयरेंस दे दिया। इसके बाद INX को 305 करोड़ रुपए मिले। इस मामले में CBI ने 15 मई, 2017 को एक एफआईआर दर्ज की थी। पिछले साल ED ने भी इस मामले में मनी-लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भी मामले में आरोपी हैं।
INX मीडिया कंपनी के मालिक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी हैं, जो अपनी बेटी शीना बोरा के मर्डर के आरोप में जेल में बंद हैं।
Created On :   16 Oct 2019 11:19 AM GMT