वैष्णों देवी के दर्शन के दौरान 30 से 40 लोगों ने मेरे सामने तोड़ा था दम
- महिला चश्मदीद ने किया चौकानें वाला खुलासा
- वैष्णो देवी के दर्शन के दौरान हुआ हादसा
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। नए साल के शुरूआत में एक ऐसा हादसे हुआ कि पूरा देश स्तब्ध रह गया। बता दें कि जम्मू कश्मीर में माता वैष्णो देवी के दर्शन के दौरान 12 लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी हैं। लेकिन इस आंकड़ो पर सवाल तब उठना शुरू हो गए। जब दिल्ली से मंजर माता के दर्शन करने के लिए आई रश्मि बसेटिया ने उस दर्द को बयां करते हुए बताया कि हादसे में 12 नहीं बल्कि 30 से 40 लोगों की मौत हुई थी।
उन्होंने बताया कि माता वैष्णों देवी के दर्शन के लिए रात करीब 12 बजे हजारों लोगों की तादाद में लोग वीवीआईपी इंट्री गेट नंबर पांच के पास पहुंच गए थे। भीड़ को काबू करने वाला कोई भी नहीं था वहां केवल गार्ड ही खड़े थे। रश्मि कहती है भीड़ इकट्ठा हो जाने के कारण लोगों के दम घुटने लगा था और मैं खुद बचाने के लिए चिल्लाने लगी थी। लोगों से वापस जाने के लिए कह रही थी, लेकिन ही देर में पूरा वहां का नजारा बदल गया। जिससे लोग दर्दनाक मौत हुई है।
रश्मि ने बताई आपबीती
आपको बता दें कि रश्मि बसेटिया दिल्ली में अध्यापिका है। उन्होंने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में बताया कि वह दिल्ली में ही रहने वाली अपनी तीन दोस्तों आरती वर्मा, ज्योति कन्नौजिया व किरण कन्नौजिया के साथ माता वैष्णो देवी के दर्शन किए पहुंची थी। रश्मि ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ कटरा के नए रास्ते से शाम के करीब 5.30 बजे चढ़ाई शुरू की थी वो भी सभी करीब 9.30 बजे अर्धकुंवारी पहुंची थी।
जहां से हमें चलने की जगह ही नहीं मिल रही थी। लोग धक्का-मुक्की देते हुए आगे बढ़ रहे थे। रास्ते में भीड़ को काबू करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। जब भीड़ इकट्ठा हुई तो लोग व्याकुल हो गए। उन्होंने कहा कि पहले भी हम कई बार यात्रा कर चुके हैं लेकिन ऐसा मंजर कभी भी नहीं देखा था। ऐसा लग रहा था कि पूरा इंडिया वैष्णो देवी दर्शन के लिए पहुंच गया है।
लाशों को देखकर रो रही थी
आपको बता दें कि वैष्णो देवी के दर्शन के दौरान हुए हादसे में 30 से 40 लोगों के मारे जानें का दावा खुद चश्मदीद रश्मि ने किया है। उन्होंने कहा भयानक भीड़ इकट्ठा हो जाने के कारण अफरातफरी का माहौल बन गया। हम चार दोस्त साथ में थे, लेकिन धक्कामुक्की के कारण दो दोस्त बिछड़ गए थे। भीड़ इतनी बढ़ गई थी कि किसी के वश में कंट्रोल नहीं रह गया था। इसके बाद रात करीब 12.05 से लोगों के मौत का सिलसिला शुरू हो गया था। रश्मि ने आगे बताया कि हमारे सामने ही लोगों को स्ट्रचर पर ले जाया जा रहा था, करीब 100 बार एंबुलेंस ने चक्कर लगाया, जो कि घायलों को ले जा रही थी।
रश्मि कहती है कि लाशों को ले जाते देखकर वह रो रही थी। उन्होंने दावा किया बच्चे तक घायल हुए थे। वीवीआईपी इंट्रीय गेट नंबर पांच के पास हम फंसे हुए थे, जहां पर एक डिस्पेंसरी थी। वहीं पर कम से कम 15 लाशें रखी हुई थीं। घटना में किसी का हाथ पैर टूट गया तो किसी के मुंह से खूंन निकल रहा था। रश्मि कहती है कि इतनी ज्यादा दम घुटने लगा था कि मैं जोर-जोर से चिल्ला रही थी।
लग रहा था कि बम विस्फोट हुआ है
बता दें कि रश्मि उस हादसे के बारे में आगे बताती है कि जिस तरह से वहां माहौल बना था जैसे बम ब्लास्ट हो गया है और भीड़ काबू नहीं हो पा रही है, लोग मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल एंबुलेंस को ले जाने के लिए भीड़ को साइड किया जा रहा था, वरना भीड़ वैसे ही जमा थी। आगे उन्होंने कहा कि करीब 5 घंटे तक हम लोग फंसे थे। हमें भीड़ में नहीं जाना था इसलिए वहीं डिस्पेंसरी के आगे खड़े रहे।
Created On :   1 Jan 2022 11:41 PM IST