सबरीमाला मंदिर के कपाट खुले, 10 महिलाओं काे लौटाया, भक्त बोले- भगवान से बड़ा नहीं सुप्रीम कोर्ट
डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के कपाट मंडला पूजा के लिए शनिवार शाम पांच बजे खोले गए। यहां महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवाद होने के बावजूद 10 महिलाएं दर्शन करने पहुंची, लेकिन केरल पुलिस ने उन्हें पहचान पत्र देखने के बाद वापस लौटा दिया। 10 से 50 साल की इन महिलाओं को पुलिस ने पंबा में ही रोक लिया था। ये सभी महिलाएं आंध्र प्रदेश से आई थीं। वहीं कुछ श्रद्धालुओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट भगवान से बड़ा नहीं है, यहां महिलाएं प्रवेश नहीं कर सकतीं।
#WATCH Kerala: Priests open the sanctum sanctorum of the #SabarimalaTemple. pic.twitter.com/wOhQiv1ErZ
— ANI (@ANI) November 16, 2019
यह मामला उस समय सामने आया है। जब सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी को हटा रखा है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में सबरीमाला पर 28 सितंबर 2018 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है, जिसको 7 न्यायमूर्तियों की बड़ी बेंच को भेज दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि अगले फैसले तक सबरीमाला में सभी उम्र की महिलाओं का प्रवेश जारी रहेगा। वहीं, सबरीमाला मंदिर की परंपरा के अनुसार 10 से 50 साल के बीच की उम्र की महिलाओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित है।
#SabarimalaTemple: Police has sent back 10 women from Pamba. The women (between the age of 10 to 50) had come from Andhra Pradesh to offer prayers at the temple. The temple is schedule to open today in the evening for the Mandala Pooja festival. #Kerala pic.twitter.com/YM17JC5Ogp
— ANI (@ANI) November 16, 2019
जिन महिलाओं को सबरीमाला मंदिर के अंदर जाने से रोका गया है, उनमें से तीन महिलाएं आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से आई थीं और श्रद्धालुओं के पहले जत्थे का हिस्सा थींं केरल पुलिस ने पंबा बेस कैम्प में पहचान पत्र देखने के बाद इन महिलाओं को रोक दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को शक था कि तीनों महिलाओं की उम्र 10-50 साल के बीच है। इस कारण उन्हें श्रद्धालुओं के जत्थे से अलग कर दिया। जब तीनों महिलाओं को मंदिर की परंपरा के बारे में बताया, तो वे वापस जाने को राजी हो गईं। गौरतलब है कि यह मंदिर पिछले साल महिलाओं के प्रवेश को लेकर मचे बवाल के बाद छावनी बना हुआ था, लेकिन इस बार यहां शांति है। यहां भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।
महिलाओं के खिलाफ काम कर रही है केरल सरकार
सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने कहा है कि शुक्रवार को सरकार कहा था कि महिलाओं को सुरक्षा नहीं दी जाएगी। इसीलिए महिलाएं बिना सुरक्षा के सबरीमाला मंदिर जा रही हैं। अब, महिलाओं को रोका जा रहा है, इसलिए मुझे लगता है कि सरकार पूरी तरह से महिलाओं के खिलाफ काम कर रही है। इससे पहले तृप्ति ने कहा था कि 2018 में सबरीमाला पर दिए फैसले पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। सरकार हमें सुरक्षा मुहैया कराए या नहीं, हम 20 नवंबर के बाद वहां जाएंगे। जो यह कह रहे हैं कि हमें पुलिस सुरक्षा के लिए कोर्ट से आदेश लाना चाहिए। वे कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 7 जजों की बेंच को सौंपा मामला
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने गुरुवार को सबरीमाला केस में पुनर्विचार याचिका 3/2 के बहुमत से सुनवाई के लिए 7 जजों की बेंच को भेजी। चीफ जस्टिस गोगोई, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस एएम खानविलकर ने केस बड़ी बेंच को भेजने का फैसला दिया। जस्टिस फली नरीमन और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस पर असहमति जताते हुए आदेश जारी किया था। हालांकि, इस आदेश में 2018 में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश दिए जाने पर रोक नहीं लगाई गई।
Activist Trupti Desai: Yesterday, the government said that they won"t provide security to women, so women are going to #SabarimalaTemple without protection. Now, women are being stopped, so I think the government is working completely against women. https://t.co/BAybDn4NzY pic.twitter.com/RnuhH73G4I
— ANI (@ANI) November 16, 2019
श्रद्धालुओं ने अपनी यात्रा के आगे भक्तों ने सन्निधानम का आनंद लिया।
Kerala: Devotees throng Sannidhanam, ahead of their visit to #SabarimalaTemple. The temple is scheduled to open today in the evening for the Mandala Pooja festival. pic.twitter.com/zY7HUfdwXx
— ANI (@ANI) November 16, 2019
पुजारी सबरीमाला मंदिर के गर्भगृह को खोलते हुए।
Kerala: Priests open the sanctum sanctorum of the #SabarimalaTemple. pic.twitter.com/fxDom81vdy
— ANI (@ANI) November 16, 2019
Created On :   16 Nov 2019 1:18 PM GMT