डिजिटल यूनिवर्सिटी है कॉलेजों में सीट (दाखिला) की समस्या का समाधान

Digital University is the solution to the problem of seat (admission) in colleges
डिजिटल यूनिवर्सिटी है कॉलेजों में सीट (दाखिला) की समस्या का समाधान
पीएम मोदी डिजिटल यूनिवर्सिटी है कॉलेजों में सीट (दाखिला) की समस्या का समाधान
हाईलाइट
  • डिजिटल यूनिवर्सिटी से बड़ा परिवर्तन शिक्षा जगत में आ जाएगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी को अपनी तरह का अनोखा कदम बताया है। उन्होंने कहा, डिजिटल यूनिवर्सिटी में मैं वह ताकत देख रहा हूं जो हमारे देश में सीटों (दाखिला) की समस्या से पूरी तरह समाधान दे सकती है। जब हर विषय के लिए अनलिमिटेड सीट होगी तो आप कल्पना कर सकते हैं कि कितना बड़ा परिवर्तन शिक्षा जगत में आ जाएगा। यह डिजिटल यूनिवर्सिटी लनिर्ंग और री लनिर्ंग की मौजूदा और भविष्य की जरूरतों के लिए युवाओं को तैयार करेगी।

पीएम मोदी ने कहा, शिक्षा मंत्रालय यूजीसी एआईसीटीई और सभी अन्य स्टेकहोल्डर से मेरा आग्रह है कि डिजिटल यूनिवर्सिटी शुरू से ही इंटरनेशनल स्टैंडर्ड को लेकर चले। देश में ही ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंस्टिट्यूट निर्माण करने का सरकार का इरादा है और इसके लिए पॉलिसी फ्रेमवर्क भी आपके सामने हैं। अब आपको अपने प्रयासों से इसको जमीन पर उतारना है।

इस वर्ष केंद्रीय बजट में शिक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण योजनाएं बनाई गई है। अब शिक्षा मंत्रालय द्वारा इन योजनाओं को लागू करने की बारी है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिक्षा मंत्रालय के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों एवं शिक्षाविदों का इस विषय पर मार्गदर्शन किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एजुकेशन सेक्टर की क्षमता बढ़े और उसकी क्वालिटी में सुधार हो इसके लिए अहम निर्णय लिए गए हैं। दूसरा है स्किल डेवलपमेंट, देश में डिजिटल स्किल डेवलपमेंट इकोसिस्टम बने।तीसरा महत्वपूर्ण पक्ष है अर्बन प्लेनिंग और डिजाइन चौथा अहम पक्ष है वैश्वीकरण। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में विदेशी यूनिवर्सिटी आए। इसके अलावा जो हमारे औद्योगिक क्षेत्र है फिनटेक से जुड़े संस्थान हैं इसे भी प्रोत्साहित किया जाए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पांचवा महत्वपूर्ण पक्ष है एबीजीसी यानी एनीमेशन विजुअल इफेक्ट। इन सभी में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। एक बहुत बड़ा ग्लोबल मार्केट है इसे पूरा करने के लिए हम भारतीय टैलेंट का कैसे इस्तेमाल बढ़ाए इस पर भी ध्यान दिया गया है। बजट नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को जमीन पर उतारने में बहुत मदद करने वाला है।

पीएम ने कहा, कोरोना आने से काफी पहले से मैं डिजिटल फ्यूचर की बात करता रहा हूं। हम अपने गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ रहे हैं। हम डाटा की कीमत कम से कम रखने के प्रयास कर रहे हैं। कनेक्टिविटी से जुड़े इन्फ्राट्रक्च र को सुधार रहे हैं। कुछ लोग सवाल उठाते थे कि इसकी क्या जरूरत है। महामारी के समय में हमारे इन प्रयासों को सब ने देख लिया है यह डिजिटल कनेक्टिविटी ही है जिसने वैश्विक महामारी के समय हमारी शिक्षा व्यवस्था को बचाए रखा।

पीएम ने कहा कि हम देख रहे हैं कि कैसे भारत में तेजी से डिजिटल डिवाइड कम हो रहा है। अगले एक दशक में हम शिक्षा के क्षेत्र में क्या हासिल करना चाहते हैं इसकी रूपरेखा बजट में दिखी। डिजिटल यूनिवर्सिटी हो, ई विद्या हो ऐसा एजुकेशनल इन्फ्राट्रक्च र युवाओं को बहुत मदद करने वाला है। यह सभी को चाहे गांव हो, गरीब हो, दलित, पिछड़े आदिवासी सभी को शिक्षा के बेहतर समाधान देने का प्रयास करता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज विश्व मातृभाषा दिवस भी है मातृभाषा में शिक्षा सीधे कई राज्यों में मेडिकल की पढ़ाई भी मातृभाषा में शुरू हो चुकी है। यह सभी की जिम्मेदारी है कि स्थानीय भारतीय भाषाओं में फ्रेश कंटेंट और उसके डिजिटल निर्माण को जगह दी जाए। भारतीय भाषाओं में मोबाइल टीवी रेडियो इंटरनेट के माध्यम से सभी के लिए एक्सेस हो इसके लिए काम करना है। भारतीय साइन लैंग्वेज में भी काम किया गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यदि इन योजनाओं को लागू करने के लिए हम एक अच्छा रोड मैप बना देते हैं तो इसका फायदा मिलेगा बजट।

सैनिक स्कूलों को हम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए आगे बढ़ाएंगे रक्षा मंत्रालय इसके लिए बजट देने वाला है। पीएम ने कहा कि क्या कभी हमने सोचा है जिस देश में नालंदा तक्षशिला इतने बड़े शिक्षा संस्थान थे, आज वहां हमारे देश के बच्चे विदेशों में जाकर पढ़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं। क्या यह ठीक है, बच्चे हमारे देश से पढ़ने के लिए बाहर जा रहे हैं, इतना धन खर्च हो रहा है। क्या हम हमारे देश में दुनिया की बेस्ट यूनिवर्सिटी लाकर हमारे बच्चों को हमारी ही एनवायरमेंट में कम खर्च पर पढ़ाई के लिए माहौल उपलब्ध करा सकते हैं? प्री प्राइमरी से लेकर पोस्टग्रेजुएट तक पूरा हमारा जो खाका है वह 21वीं सदी के अनुकूल कैसे बने इसपर हमें विचार करना है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक बजट घोषणाओं के कुशल और त्वरित कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए, भारत सरकार कई प्रमुख क्षेत्रों में वेबिनार की एक श्रृंखला आयोजित कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां इसके सत्र को संबोधित किया।

इस प्रकार के वेबिनार आयोजित करने का उद्देश्य सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों एवं शिक्षा और उद्योग जगत के विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करना है। साथ ही प्रमुख क्षेत्रों में विभिन्न मुद्दों के कार्यान्वयन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए रणनीतियों की पहचान करना है।इस श्रृंखला के हिस्से के रूप में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय 21 फरवरी को शिक्षा और कौशल क्षेत्र पर एक वेबिनार का आयोजन किया।

 

(आईएएनएस)

Created On :   21 Feb 2022 12:30 PM IST

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