गेहूं निर्यात पर पांबदी के बाद भी भारत ने यमन को 2.5लाख टन गेंहू भेजकर की मदद

Despite the ban on wheat export, India helped by sending 2.5 lakh tonnes of wheat to Yemen
गेहूं निर्यात पर पांबदी के बाद भी भारत ने यमन को 2.5लाख टन गेंहू भेजकर की मदद
भारत ने दिखाया बड़ा दिल गेहूं निर्यात पर पांबदी के बाद भी भारत ने यमन को 2.5लाख टन गेंहू भेजकर की मदद

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी से चल रहे युध्द के कारण यमन गेहूं को लेकर सकंट का सामना कर रहा है। इस संकट के बीच भारत ने यमन की मदद 2.5 लाख टन गेंहू भेजकर की है। विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र की बैठक में भारत द्वारा यमन को पिछले तीन माह में 2,50,000 टन से अधिक गेहूं निर्यात करने की जानकारी दी । साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक कमोडिटी बाजारों में सप्लाई में बदलाव और खाद्य सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए भारत ने जरूरतमंद देशों को वित्तीय मदद और खाद्यान्न मुहैया करा रहा है।

 संयुक्त राष्ट्र ने भारत के इस कार्य की तारीफ की है.संयुक्त राष्ट्र में मानवीय मामलों की सहायक महासचिव और  डिप्टी इमरजेंसी रिलीफ कॉर्डिनेटर जॉयसे सूया ने कहा कि भारत ने यमन में गेहूं निर्यात करके बड़ी मदद की है।भारत के द्वारा भेजी जा रही गेहूं की खेपें यूक्रेन युध्द के मद्देनजर यमन में सप्लाई का एक अहम स्त्रोत बन रही है। उन्होंने आगे कहा कि हम निर्यात को लेकर भारत और यमन की सरकारों के बीच हाल में हुई सकारात्मक बातचीत से भी प्रोत्साहित है।वहीं भारत की ओर से  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यमन को भारत द्वारा गेहूं मुहैया कराने की बात का जिक्र किए जाने पर आभार प्रकट किया है।

सूया ने कहा कि खाद्य सुरक्षा को लेकर हुदैदा में बंदरगाहों का इस्तेमाल भी जरुरी है क्योंकि ये बंदरगाह यमन में खाद्य और अन्य जरूरी कमोडिटी के आयात का के लिए मुख्य प्रवेशद्वार है। उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन युद्ध से खाद्य सामानों की सप्लाई प्रभावित हुई है। यमन में लगभग 90 फीसदी खाद्यान्न का आयात किया जाता है। इसमें से पिछले वर्ष यमन ने लगभग आधा रुस और यूक्रेन से आयात किया किया था।  

उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक स्तर पर बढ़ती कीमतों और अन्य चुनौतियों की वजह से यमन में खाद्यान्न की उस सप्लाई चेन का सुचारू ढंग से काम करते रहना मुश्किल हो गया. फरवरी में शुरू हुए रूस और यूक्रेन युध्द के बाद से यमन में गेहूं का आयात बाधित होने के कारण यमन ने जल्द ही नए अन्य स्त्रोत की तलाश शुरू कर दी थी। 


 

Created On :   12 July 2022 9:28 PM IST

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