जमानत आदेश के बावजूद आरोपी रिहा नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की खिंचाई की

Despite bail order, accused not released, Supreme Court pulls up UP government
जमानत आदेश के बावजूद आरोपी रिहा नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की खिंचाई की
उत्तर प्रदेश जमानत आदेश के बावजूद आरोपी रिहा नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की खिंचाई की
हाईलाइट
  • अदालत आदेश की अवहेलना

डिजिटल डेस्, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को 3,500 करोड़ रुपये की नोएडा बाइक बॉट पोंजी योजना के एक आरोपी को रिहा नहीं करने पर फटकार लगाई, जबकि उसे महीना भर पहले जमानत दे दी गई थी।

न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार ने कहा, हम जांच अधिकारी के आचरण की निंदा करते हैं और जिस तरह से मजिस्ट्रेट ने यंत्रवत रूप से इस अदालत द्वारा 13 दिसंबर, 2021 को पारित आदेश की अवहेलना करते हुए आवेदक/याचिकाकर्ता को रिमांड पर लेने का निर्देश दिया, उसके बारे में अपनी गंभीर आपत्ति व्यक्त करते हैं। शीर्ष अदालत ने दिसंबर में आरोपी विजय कुमार शर्मा को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था, हालांकि एक मजिस्ट्रेट अदालत ने शीर्ष अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए उन्हें फिर से हिरासत में भेज दिया। पीठ ने कहा कि उसने एक महीने पहले जमानत का आदेश पारित किया था और उस व्यक्ति को अब तक रिहा नहीं किया गया है।

पीठ ने यूपी सरकार के वकील से कहा, आप एक महीने बाद भी व्यक्ति को रिहा नहीं कर रहे, यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, हम 2020 के अपराध संख्या 817 से संबंधित जांच अधिकारी को निर्देश देते हैं कि आवेदक/याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने के लिए तत्काल कदम उठाएं और उसके संबंध में आदेश (दिनांक 13.12.2021) का पालन करें। अपराध (सभी प्राथमिकी उत्तर प्रदेश में) बिना किसी समय की हानि के इस न्यायालय द्वारा पारित बाइक बॉट परियोजना से संबंधित हैं।

इसमें आगे कहा गया है, हम उत्तर प्रदेश के संबंधित अधिकारियों को 13 दिसंबर को इस न्यायालय द्वारा पारित स्पष्ट आदेश की अवहेलना करने की निंदा करते हैं और भविष्य में इस तरह का दुस्साहस दोहराने से बचने का निर्देश देते हैं। पीठ ने कहा कि इस आदेश की प्रति तत्काल सचिव, गृह विभाग को ईमेल के माध्यम से सूचना व आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी जाए और गुरुवार तक अनुपालन रिपोर्ट मांगी जाए। उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता विनोद दिवाकर ने शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया कि व्यक्ति को बुधवार को ही रिहा किया जाएगा।

 

(आईएएनएस)

Created On :   20 Jan 2022 1:00 AM IST

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