INX मीडिया केस : कस्टडी के लिए कोर्ट पहुंची ईडी, चिदंबरम को सोमवार को पेश होने का आदेश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। INX मीडिया मामले में दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को सोमवार को पेश होने का आदेश दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस मामले में चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है।
ED ने शुक्रवार को इस मामले में पी चिदंबरम के प्रोडक्शन वारंट पर दिल्ली की एक अदालत का रुख किया था। जांच एजेंसी ने अपनी दलील में कहा कि उसे मामले में चिदंबरम से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है। ईडी के कोर्ट जाने के बाद स्पेशल जज अजय कुमार कुहर ने इस मामले में वारंट जारी किया और आदेश दिया कि चिदंबरम को 14 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे से पहले पेश किया जाए।
इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बहस करते हुए कहा कि विदेश में फर्जी कंपनियों और 17 बैंक खाते से संबंधित सूचना प्राप्त करने के लिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत है। उन्होंने अदालत से यह भी कहा कि यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि इस मामले में हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है।
चिदंबरम इस समय तिहाड़ जेल में हैं। उन्हें सीबीआई ने 21 अगस्त को उनके जोर बाग स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। 22 अगस्त को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें चार दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया था। बाद में 5 सितंबर को उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया। बाद में सीबीआई की मांग पर उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाकर 17 अक्टूबर तक कर दी गई।
पी चिदंबरम के वकीलों ने इस दौरान अदालत में एक अन्य आवेदन भी दिया था जिसमें कहा गया था कि चिदंबरम प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामले में आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। चिदंबरम के इस आवेदन पर 12 सितंबर को सुनवाई हुई थी। हालांकि अदालत ने चिंदबरम के इस आवेदन को खारिज कर दिया।
इस दौरान ED की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम के आवेदन का विरोध किया। उन्होंने स्पेशल जज अजय कुमार कुहर से कहा था, "हमने इस मामले के छह लोगों को तलब किया है। उनमें से तीन से पूछताछ की गई। हमें सभी छह व्यक्तियों से पूछताछ करना है ताकि हम आरोपी (चिदंबरम) का उनसे सामना करा सकें। वह (चिदंबरम) सबूतों से छेड़छाड़ करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि वह पहले से ही न्यायिक हिरासत में है।" उन्होंने कहा "उचित समय पर चिदंबरम को गिरफ्तार किया जाएगा।"
बता दें कि 2007 में जब UPA-1 में चिदंबरम वित्त मंत्री थे उस वक्त उन्होंने मुंबई की INX मीडिया कंपनी को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी दिलाने में मदद की थी। उन्होंने अनियमितता बरतते हुए मीडिया समूह को FIPB क्लीयरेंस दे दिया। इसके बाद INX को 305 करोड़ रुपए मिले। इस मामले में CBI ने 15 मई, 2017 को एक एफआईआर दर्ज की थी। पिछले साल ED ने भी इस मामले में मनी-लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भी मामले में आरोपी हैं।
INX मीडिया कंपनी के मालिक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी हैं, जो अपनी बेटी शीना बोरा के मर्डर के आरोप में जेल में बंद हैं।
Created On :   11 Oct 2019 6:15 PM IST