कोरोना के खिलाफ ऑक्सफर्ड की वैक्सीन कारगर और सुरक्षित, ट्रायल अगले फेज में पहुंची
- ऑक्सफर्ड की वैक्सीन शुरू से ही दूसरी वैक्सीन से आगे चल रही थी।
- ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के इंसानों पर किए पहले ट्रायल के नतीजे सुखद रहे हैं।
- वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 दिए जाने पर वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पाई गई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना वायरस वैक्सीन की रेस में चल रही ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के इंसानों पर किए पहले ट्रायल के नतीजे सुखद रहे हैं। वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 दिए जाने पर वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पाई गई। साथ ही इसे सुरक्षित भी बताया जा रहा है। अब यह ट्रायल के अगले चरण में पहुंच गई है। सोमवार को The Lancet पत्रिका में इससे जुड़ी रिपोर्ट प्रकाशित की गई। ऑक्सफर्ड की वैक्सीन शुरू से ही दूसरी वैक्सीन से आगे चल रही थी।
साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंता नहीं
रिसर्च पेपर के मुताबिक, कुल 56 दिन तक चले ट्रायल में 23 अप्रैल से 21 मई के बीच जिन लोगों को वैक्सीन दी गई थी उनमें सिरदर्द, बुखार, बदन दर्द जैसी शिकायतें पैरासिटमॉल से ठीक हो गईं। ज्यादा गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं दिखे।
वैक्सीन में जो वायरल वेक्टर इस्तेमाल किया गया है, उसमें SARS-CoV-2 का स्पाइक प्रोटीन है। दूसरे फेज 1/2 में 5 जगहों पर 18-55 साल की उम्र के लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया गया। इसमें आगे बताया गया कि 14 दिन बाद स्पाइक प्रोटीन को पहचानने वाले T-cell देखे गए। 28 दिन पर इन प्रोटीन से लड़ने के लिए ऐंटीबॉडी (IgG) भी देखी गई जो दूसरी डोज दिए जाने पर बढ़ गई। 90% लोगों में वायरस पर ऐक्शन करने वाली ऐंटीबॉडी पहली डोज के बाद पाई गईं। दूसरी डोज देने पर सभी वॉलंटिअर्स में न्यूट्रिलाइज करने वाली ऐंटीबॉडी की ऐक्टिविटी देखी गई। ये दोनों साथ मिलकर शरीर को सुरक्षा देते हैं।
ChAdOx1 nCoV-19 के नतीजे सुरक्षा मानकों के अनुसार हैं और ऐंटीबॉडी रिस्पॉन्स भी पैदा कर रहे हैं। ऑक्सफर्ड की टीम इस वैक्सीन पर ब्रिटेन की फार्मासूटिकल कंपनी AstraZeneca के साथ मिलकर काम कर रही है।
Created On :   20 July 2020 8:49 PM IST