Coronavirus in India: कोरोना संक्रमण से मौतों की दर 2.87%, यह दुनिया में सबसे कम और रिकवरी रेट 41.61%, यह दुनिया में सबसे ज्यादा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में अब तक कोरोना संक्रमित 60,490 लोग पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। इसके साथ ही हमारा रिकवरी रेट 41.61% हो गया है। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। बता दें कि पहले लॉकडाउन में रिकवरी रेट 7.1% और दूसरे लॉकडाउन में यह बढ़कर 11.24% और तीसरे लॉकडाउन में यह बढ़कर 26.59% था। इसके अलावा देश में कोरोना संक्रमण से 4167 लोगों की मौत हो चुकी है। जो कुल संक्रमित 1,45,380 लोगों का 2.87% है। यह दुनिया में कोरोना संक्रमण से मौतों की सबसे कम दर है। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने बताया कि प्रत्येक लॉकडाउन के साथ हमारे देश में संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों का प्रतिशत बढ़ता चला गया है। लव अग्रवाल ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों की तुलना में हमारे यहां संक्रमण के मामले काफी कम रहे। इसके अलावा मृत्यु दर के मामले में भी हम ज्यादा बेहतर स्थिति में हैं। हम उचित मात्रा में टेस्टिंग करने में जुटे हुए हैं।
हर दिन एक लाख से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण से 50 फीसदी मौत बुजुर्गों की हुई। केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों की सेहत का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि हर रोज 1.1 लाख सैंपल की जांच कर रहे हैं। देश में इस वक्त 612 लैब हैं। इनमें 430 सरकारी और 182 प्राइवेट हैं। हमने लैब और टेस्टिंग की क्षमताएं बढ़ाई हैं। कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की तुरंत टेस्टिंग और एसिम्प्टोमिक मरीजों को होम क्वारैंटाइन करने के लिए राज्यों को गाइडलाइन जारी कर चुके हैं। कार्यालयों या क्वारंटीन सेंटर में कूलर और एसी के प्रयोग के लिए पहले ही दिशानिर्देश जारी किए जा चुके हैं। इसके मुताबिक ऐसी जगहों पर वेंटिलेशन अच्छा होना चाहिए। क्वारंटीन सेंटर में एसी या कूलर होना इतना अहम नहीं है। इससे ज्यादा जरूरी यह है कि वहां हवा का आना जाना सही हो।
लॉकडाउन से भारत को काफी फायदा हुआ
संयुक्त सचिव ने बताया कि दुनिया में प्रति एक लाख आबादी में 4.4 मौतें हुईं, जबकि भारत में प्रति एक लाख पर 0.3 मौतें हुईं। यह आंकड़ा भी दुनिया में सबसे कम है। और इसकी सबसे बड़ी वजह लॉकडाउन का सही वक्त पर लगाया और कोरोना को लेकर हमारा प्रबंधन है।
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से बरतें सावधानी
- कोरोना वायरस से लड़ने में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा का सेवन करने को कहा गया है।
- मगर इसके सेवन से कुछ लोगों को चक्कर व उल्टी आने की दिक्कत हो रही है।
- इस संंबंध में आईसीएमआर ने बताया कि खाली पेट दवा लेने की वजह से ऐसी समस्या आ रही है। इसलिए हमेशा कुछ खाने के बाद ही इस दवा को लिया जाए।
- इलाज के दौरान एक ईसीजी किया जाना चाहिए : आईसीएमआर
- हालांकि पीपीई का इस्तेमाल हमें करते रहना होगा। उसमें हमें कोई राहत नहीं है।
Created On :   26 May 2020 7:39 PM IST