Coronavirus in Indore: स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव करने वाले 7 आरोपी गिरफ्तार, चार पर रासुका के तहत कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर के टाटपट्टी बाखल इलाके में बुधवार को कोरोना संक्रमितों की जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम पर पथराव करने के मामले में मध्यप्रदेश सरकार ने 4 लोगों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाई है। इस कानून के तहत हिरासत में लिए व्यक्ति को अधिकमत एक साल जेल में रखा जा सकता है। पुलिस ने इस मामले में गुरुवार को 7 लोगों को गिरफ्तार किया था। मामले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऐसा करने वाले लोग इंसान नहीं, इंसानियत के दुश्मन हैं। हम इन्हें सख्त सजा देंगे।
प्रदेश सरकार ने हमले के आरोपी मोहम्मद मुस्तफा, मोहम्मद गुलरेज, शोएब और मजीद पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की है। इन सभी पर इंदौर के टाटापट्टी बाखल इलाके में कोरोना के खिलाफ अभियान चल रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर पथराव करने वाले समूह में शामिल होने का आरोप है। इस हमले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही कह चुके हैं कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम पर किया था हमला
बता दें कि बुधवार को टाटपट्टी बाखल और सिलावट पुरा के रहवासियों ने जमकर हंगामा किया था। नौबत यहां तक आ गई थी कि लोगों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम पर पथराव कर दिया और बैरिकेट भी तोड़ दिए। स्वास्थ्य विभाग की टीम यहां क्वारैंटाइन की गई कोरोना के संदिग्ध बुजुर्ग महिला को मेडिकल के लिए लेने गई थी। टीम पर पथराव होने के बाद यहां भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जांच की गई। बता दें कि टीम में दो महिला चिकित्सक घायल हो गईं थीं और डॉक्टर जैसे-तैसे जान बचाकर वहां से भाग निकले थे।
वीडियो से की दोषियों की पहचान
इंदौर डीआईजी हरि नारायण चारी मिश्र ने गुरुवार को बताया था कि टाटपट्टी बाखल इलाके में हुई घटना पर दोषियों की वीडियो फुटेज से पहचान की गई है। मुख्य दोषी सहित चार लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। इनके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा सहित धारा 186 , 188 और 353 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मिश्रा ने बताया है कि अन्य दस दोषियों पर भी कार्रवाई की जा रही है।
2 महिला डॉक्टरों सहित 5 सदस्यों की टीम गई थी जांच करने
घटना के दौरान मौजूद रही एक महिला डॉक्टर ने पहचान का खुलासा करने से इनकार करते हुए बताया था कि कोरोना के खिलाफ अभियान के लिए स्वास्थ्य विभाग का पांच सदस्यीय दल इलाके में गया था। उन्होंने कहा कि मैं बहुत डरी हुई हूं। हम कोरोना वायरस संक्रमण के एक मरीज के संपर्क में आए लोगों को ढूंढ रहे थे। हमने जैसे ही इन लोगों से उनकी सेहत की स्थिति से जुड़े सवाल करने शुरू किए, तो उन्होंने इसका विरोध किया। तभी वहां कुछ और लोग आ धमके जिन्होंने हम पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। महिला डॉक्टर ने कहा कि वो तो शुक्र है कि कुछ पुलिस कर्मी पास ही थे, इसलिए हमारी जान बच गई।
रासुका के तहत 12 महीने जेल में रखा जा सकता है
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका के तहत केंद्र और राज्य सरकार किसी भी किसी ऐसे व्यक्ति को हिरासत में लेने का आदेश दे सकती है, जो कानून-व्यवस्था में बाधा बन रहा हो। उसे 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है। हिरासत में लिया गया शख्स उच्च न्यायालय के सलाहकार बोर्ड के सामने अपील कर सकता है, लेकिन उसे मुकदमे के दौरान वकील की अनुमति नहीं है। 23 सितंबर, 1980 को इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान रासुका बनाया गया था।
राहत इंदौरी ने कहा- इंसानियत पर रहम खाइए, डॉक्टर की मदद कीजिए
मशहूर शायर, राहत इंदौरी ने कहा, "कल रात 12 बजे तक मैं दोस्तों से फोन पर पूछता रहा कि वह घर किसका है, जहां डॉक्टरों पर थूका गया है, ताकि मैं उनके पैर पकड़कर माथा रगड़कर उनसे कहूं कि खुद पर, अपनी बिरादरी, अपने मुल्क व इंसानियत पर रहम खाएं। यह सियासी झगड़ा नहीं, बल्कि आसमानी कहर है, जिसका मुकाबला हम मिलकर नहीं करेंगे तो हार जाएंगे। ज्यादा अफसोस मुझे इसलिए हो रहा है कि रानीपुरा मेरा अजीज मोहल्ला है। "अलिफ" से "ये" तक मैंने वहीं सीखा है। उस्ताद के साथ मेरी बैठकें वहीं हुईं। मैं बुजुर्गों ही नहीं, बच्चों के आगे भी दामन फैलाकर भीख मांग रहा हूं कि दुनिया पर रहम करें। डॉक्टरों का सहयोग करें। इस आसमानी बला को फसाद का नाम न दें। इंसानी बिरादरी खत्म हो जाएगी। जिंदगी अल्लाह की दी हुई सबसे कीमती नेमत है। इस तरह कुल्लियों में, गालियों में, मवालियों की तरह इसे गुजारेंगे तो तारीख और खासकर इंदौर की तारीख जहां सिर्फ मोहब्बतों की फसलें उपजी हैं, वह तुम्हें कभी माफ नहीं करेगी।
Created On :   3 April 2020 5:14 AM IST
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