Coronavirus in India: भारत में कब और कैसे खत्म होगा लॉकडाउन?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के कारण हाहाकार मचा हुआ है। एक ओर जहां देशभर में कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है, तो वहीं दूसरी ओर 24 मार्च से लगे लॉकडाउन के कारण आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खास तौर पर मजदूर वर्ग की लॉकडाउन ने कमर तोड़कर रख दी है। ऐसे में देश में जारी 21 दिन के लॉकडाउन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार मंगलवार को कुछ राज्य सरकारों और विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार से लॉकडाउन बढ़ाने की अपील की है। वहीं देश में लगातार बढ़ती कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए मोदी सरकार इस पर विचार भी कर रही है।
हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि लॉकडाउन पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है इसलिए इस पर किसी प्रकार का अंदाजा न लगाया जाए। उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश सरकार लॉकडाउन को बढ़ाने का संकेत दे चुकी हैं। तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने भी मोदी सरकार को 3 जून तक लॉकडाउन बढ़ाने जाने का सुझाव दिया था।
लॉकडाउन खोलने के पक्ष में नहीं राज्य सरकारें
देशभर के लोगों लॉकडाउन को लेकर कई तरह के सवाल हैं उनमें से सबसे पहला सवाल यही है कि आखिर लॉकडाउन कब और कैसे खुलेगा? इस सवाल का जवाब बीते दिनों राज्य सरकारों की तरफ से आए इन बयानों में है। इन बयानों से स्पष्ट होता है कि राज्य की सरकारें फिलहाल लॉकडाउन को खोलने के पक्ष में नहीं हैं। आइए जानते हैं राज्य सरकारों के मुख्यमंत्रियों बयान...
- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि अर्थव्यवस्था से ज्यादा जरूरी लोगों की जिंदगी है। अर्थव्यवस्था सुधारी जा सकती है, लेकिन लोग मरेंगे तो उन्हें वापस नहीं लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जरूरत हुई तो लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है। इसका फैसला परिस्थियों के आधार पर होगा।
- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि केंद्र ने राज्यों से सुझाव मांगा है, राज्यों को अपने यहां की स्थिति देख कर इस पर निर्णय लेना चाहिए। राजस्थान लॉकडाउन करने वाला सबसे पहला राज्य था।
- केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन भी लॉकडाउन को बढ़ाने की वकालत कर रहे हैं। उन्होंने लॉकडाउन के बावजूद राज्य के कई हिस्सों में कर्फ्यू भी लागू किया है।
- तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पिछले दिनों दिए बयान में कहा कि हमारे पास कोई चारा नहीं है। लॉकडाउन को जारी रखना चाहिए। मैं माननीय प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि लॉकडाउन 15 अप्रैल के बाद भी जारी रखा जाए। इसमें झिझकने की कोई जरूरत नहीं है।
- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी लॉकडाउन को बढ़ाए जाने के पक्ष में हैं। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन को अलग-अलग इलाकों में खोलने पर विचार कर रही है।
- उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने भी सोमवार को कहा था कि मीडिया में पिछले कुछ दिनों से चल रहा था कि लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद बढ़ सकता है, इसको देखते हुए लोगों में संवेदनशीलता बढ़ी है। अभी ये कहा नहीं जा सकता कि 14 अप्रैल के बाद भी क्या होगा। एक भी केस हमारे प्रदेश में रह जाता है तो लॉकडाउन खोलना उचित नहीं रहेगा।
- असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर 14 अप्रैल या फिर 20 अप्रैल को लॉकडाउन खुलता है और असम के बाहर रुके असमिया युवक-युवतियां एक साथ राज्य में लौटते हैं तो उन सभी को 14 दिनों के क्वारंटाइन पर भेजना संभव नहीं हो पाएगा, क्योंकि सरकार के पास इतनी तादाद में क्वारंटाइन करने की व्यवस्था फिलहाल नहीं है।
तो फिर कैसे खुलेगा ये लॉकडाउन?
इन बयानों से राज्य सरकारों की मंशा साफ नजर आती है कि 14 अप्रैल के बाद देशभर में एक साथ लॉकडाउन खुलने वाला नहीं है। कुछ राज्य सरकार अपनी तरफ से भी कुछ प्रतिबंध लगाए रखने के पक्ष में हैं। तो फिर कैसे खुलेगा ये लॉकडाउन? क्या है सरकार का ब्लूप्रिंट? बीबीसी हिंदी के अनुसार सरकार की ओर से कोविड-19 के लिए बनाई गई 11 समितियों में से एक के प्रमुख और एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने बताया कि जिन हॉटस्पॉट एरिया में कोरोना संक्रमण के बढ़ने की प्रतिदिन रफ्तार आज भी दोगुनी है, उन इलाकों में लॉकडाउन फिलहाल नहीं हटाया जाएगा।
देश के 274 जिलों में मिले कोरोना पॉजिटिव
उन्होंने बताया कि पूरे देश में कुल 274 जिलों में कोरोना वायरस के मरीज मिले हैं। देशभर में 700 से ज्यादा जिले हैं। यदि हॉटस्पॉट एरिया में लॉकडाउन हटा दिया गया तो कोविड-19 के मरीजों की संख्या में एकदम से कई गुना बढ़ जाएगी। उन्होंने बताया कि जिन जगहों पर कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया, वहां धीरे-धीरे लॉकडाउन हटाया जा सकता है। ऐसे में लगता है कि 14 अप्रैल के बाद तकरीबन 450 जिलों में लॉकडाउन में ढील दी जा सकती है।
सरकार किस आधार पर करेगी फैसला?
देशभर में कोरोना पीड़ितों की संख्या 4 हजार पार कर गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल हम हर पांचवे दिन मरीजों की संख्या को डबल कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने कई बार कहा है कि ये रफ्तार और धीमी होती अगर तब्लीगी जमात मरकज से इतनी बड़ी संख्या में मरीज सामने नहीं आते। डॉ. गुलेरिया के अनुसार सरकार 4 मुद्दों को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन पर फैसला करेगी।
- लॉकडाउन आगे जारी रखने पर अर्थव्यवस्था पर कितना बड़ा असर पड़ेगा। क्या सरकार आगे उसकी भरपाई करने में सक्षम होगी?
- क्या लॉकडाउन खोलना बड़ी आबादी के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होगा?
- उद्योग जगत के सवालों को भी सरकार को लॉकडाउन के फैसले के साथ जोड़ कर देखना होगा। लॉकडाउन को आगे बढ़ाना या खत्म करना भारत के निर्यात-आयात, दूसरे देशों के साथ रिश्तों और देश के बाकी उद्योग पर कितना असर डाल रहा है।
- गरीब आप्रवासी मजदूरों की हालात। उन तक सरकार अपनी कितनी पहुंच बना पाई है। उनकी समस्याएं क्या हैं और क्या उसका निदान सरकार पूरी तरह से कर पा रही है।
यही वजह है कि केंद्र ने लॉकडाउन पर राज्य सरकारों से सुझाव भी मांगा है। बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी अलग-अलग राजनीतिक दलों से बातचीत कर उनसे भी इस विषय पर चर्चा करने वाले हैं।
लॉकडाउन कैसे हटा सकता है?
डॉ. रणदीप गुलेरिया के अनुसार फिलहाल दो ही तरीकों से लॉकडाउन को हटाया जा सकता है। इनमें से एक चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाना और दूसरा जहां एक भी संक्रमण का केस सामने नहीं आया वहां पूरी तरह से जनजीवन दोबारा शुरू कर दिया जाए। उन्होंने बताया कि चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटना सही होगा। क्योंकि जिन इलाकों में एक भी केस नहीं है और वहां कोई कोरोना पॉजिटिव पहुंचा तो स्थिति और भयावह हो जाएगी।
डॉ रणदीप के अनुसार सरकार को ऐसे इलाकों से लोगों की आवाजाही को मॉनिटर करने की जरूरत होगी। सरकार को हॉटस्पॉट को अलग तरीके से और नॉन हॉटस्पॉट एरिया को अलग तरीके से डील करना होगा। डॉ गुलेरिया मानते हैं कि हॉटस्पॉट इलाकों को 14 अप्रैल के बाद भी दूसरे इलाकों से पूरी तरह कट-ऑफ रखने की जरूरत होगी। चरणबद्ध तरीके में पहले एक जिले को कोरोना फ्री करें, फिर दूसरे को और जहां-जहां कोरोना मरीजों की संख्या शून्य पहुंचे, फिर वहां लॉकडाउन पूरी तरह खोलें और तभी दूसरे इलाके से लोगों को वहां आने दें।
मंत्रियों के समूह ने भी की चर्चा
मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कोविड-19 को लेकर मंत्री समूह की बैठक की अध्यक्षता की। जिसमें लॉकडाउन पर चर्चा हुई। इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर आदि मंत्री मौजूद रहे।
10 से 12 अप्रैल के बाद स्पष्ट होगी स्थिति
रणदीप गुलेरिया के मुताबिक 10 अप्रैल से 12 अप्रैल के बाद केंद्र सरकार के पास ज्यादा डेटा आ जाएगा। तब स्थिति ज्यादा स्पष्ट हो जाएगी कि लॉकडाउन का कितना असर पड़ा है। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने जानकारी दी कि लॉकडाउन कब और कैसे खत्म होगा, इस पर सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।
Created On :   8 April 2020 1:40 AM IST
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