SC/ST एक्ट में बदलाव : कांग्रेस बोली- BJP का दलित विरोधी चेहरा आया सामने

Congress slammed Modi Government over Supreme Court verdict on SC/ST Act
SC/ST एक्ट में बदलाव : कांग्रेस बोली- BJP का दलित विरोधी चेहरा आया सामने
SC/ST एक्ट में बदलाव : कांग्रेस बोली- BJP का दलित विरोधी चेहरा आया सामने

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मंगलवार को SC/ST एक्ट पर दिए गए फैसले पर अब सियासत तेज हो गई है। बुधवार को कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि इस फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं? कांग्रेस ने ये भी कहा कि इस फैसले से बीजेपी का दलित विरोधी चेहरा सामने आ गया है। इसके साथ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने इस मुद्दे को राज्यसभा में उठाते हुए इस पर चर्चा की मांग की है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, साथ ही अग्रिम जमानत को भी मंजूरी दे दी है।

बीजेपी इस एक्ट को कमजोर कर रही है : कांग्रेस

बुधवार को कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने SC/ST एक्ट में हुए बदलाव को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। सुरजेवाला ने मीडिया से कहा कि "SC/ST एक्ट में बदलाव करके मोदी सरकार इस कानून को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। बीजेपी का गरीब और दलित विरोधी चेहरा आखिरकार सामने आ ही गया।" सुरजेवाला ने कहा कि अब पीएम मोदी इस पर चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि "मोदी सरकार में दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहा है। हर 12 मिनट में एक दलित पर अत्याचार हो रहा है। 40,800 केस दर्ज हुए हैं। सरकारी आंकड़े कहते हैं कि इस मामले में सिर्फ 25% केस में ही सजा मिलती है।" सुरजेवाला ने आगे कहा कि "बीजेपी-आरएसएस मिलकर इसे खत्म करने की कोशिश में हैं। SC/ST एक्ट पर फैसला काफी अफसोसजनक है और इस पर फिर से विचार करने की जरूरत है।" उन्होंने बताया कि कांग्रेस इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी।

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सरकार ने इस मुद्दे पर कोई पैरवी नहीं की : आजाद

वहीं कांग्रेस के सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद ने भी SC/ST एक्ट पर दिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुद्दे को राज्यसभा में उठाते हुए इस पर चर्चा कराए जाने की मांग की है। आजाद ने कहा कि "अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को अब तक SC/ST एक्ट के तहत सुरक्षा मिलती रही है जो इस वर्ग के लिए बहुत ही जरूरी है। लेकिन सरकार ने इस मुद्दे पर कोर्ट में कोई पैरवी ही नहीं की।" उन्होंने कहा कि "इस मुद्दे पर सदन में चर्चा जरूरी है और हम चाहते हैं कि इस पर जल्द से जल्द चर्चा की जाए।" इस पर सभापति ने उनसे कहा कि "आप पहले नोटिस दें। इसके बाद ही इस मुद्दे पर चर्चा के लिए समय तय किया जाएगा।" 

SC/ST एक्ट के तहत नहीं हो सकेगी तत्काल गिरफ्तारी, अग्रिम जमानत भी मिलेगी

SC/ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया फैसला? 

एक सरकारी अफसर की पिटीशन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को SC/ST एक्ट को लेकर अहम फैसला सुनाते हुए इस एक्ट के तहत दर्ज किए गए केस में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इसके अलावा कोर्ट ने इस एक्ट के तहत दर्ज हुए केसों में अग्रिम जमानत की मंजूरी भी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने SC/ST एक्ट के गलत इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए कहा कि इस एक्ट के तहत दर्ज होने वाले केसों में किसी आरोपी को तत्काल गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही ऐसे केसों में अग्रिम जमानत का प्रावधान कर दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस को 7 दिन के अंदर अपनी जांच पूरी करनी होगी और फिर कोई एक्शन लेना होगा। बेंच ने कहा कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ इस एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाता है, तो पहले DSP उसकी जांच करेंगे और फिर कोई एक्शन लेंगे। वहीं अगर किसी गैर-सरकारी कर्मचारी के खिलाफ केस होता है तो उसके लिए SSP की तरफ से एप्रूवल लेना जरूरी है। इसके साथ ही बेंच ने कुछ गाइडलाइंस भी तय की हैं, जिनको पालन करने का आदेश सभी मजिस्ट्रेट को दिया गया है।

Created On :   21 March 2018 8:58 AM GMT

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