ऑडियो पर घमासान: शिवराज और कमलनाथ के बीच छिड़ी पाप और पुण्य की बहस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में उपचुनाव के माहौल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के वायरल ऑडियो पर घमासान मच गया है। कांग्रेस ने ऑडियो मसले पर बीजेपी की घेराबंदी तेज की तो शिवराज सिंह चौहान को भी खामोशी तोड़नी पड़ी। शिवराज सिंह चौहान ने जहां पापियों के विनाश को पुण्य का काम बताया तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि जो खुद को धर्मप्रेमी बताते हैं वही सबसे बड़े पापी हैं।
ऑडियो पर सियासत: सीएम शिवराज बोले- पापियों का विनाश पुण्य का काम
दरअसल, बीते सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर में उपचुनाव को लेकर पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग कर रहे थे। इस मीटिंग के बाद एक ऑडियो सामने आया। जिसमें शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि सरकार गिराने का निर्देश पार्टी नेतृत्व ने दिया था। शिवराज ने कहा था कि तुलसी सिलावट और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बिना सरकार गिराना संभव नहीं था। इस ऑडियो पर घमासान मच गया। प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर पूछा था- मोदीजी आपने लोकतंत्र की हत्या की है या आपके सीएम आदतन लफ्फाजी कर रहे हैं।
वहीं गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मसले पर चुप्पी तोड़ते हुए जवाब दिया। उन्होंने बिना किसी का नाम लेते हुए कहा, पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है। हमारा धर्म तो यही कहता है। क्यों? बोलो, सियापति रामचंद्र की जय!
पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है। हमारा धर्म तो यही कहता है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 11, 2020
क्यों?
बोलो, सियापति रामचंद्र की जय!
जिस पर कमलनाथ भी पलटवार करने से नहीं चूके। उन्होंने कहा, कुछ लोग खुद को बड़ा धर्म प्रेमी बताते हैं, खूब ढोंग करते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि ये ही लोग सबसे बड़े अधर्मी, पापी हैं। जनता के धर्म यानी जनादेश को नहीं मानते हुए उसका अपमान करने वाले धर्म प्रेमी कैसे।
• क्या सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाना पाप है ?
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 11, 2020
• क्या प्रदेश पर पिछले 15 वर्षों में लगे दाग़ धोना पाप है ?
यदि यह पाप है तो प्रदेश की जनता के हित में यह पाप हम करते रहेंगे।
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फिर उन्होंने कहा, धोखा, फरेब, साजि़श, खरीद- फरोख्त, षड्यंत्र, प्रलोभन, ये आचरण तो धर्म कभी नहीं सिखाता? एक समय जिन्हें पापी बताते थे, आज वो ही संगी साथी हैं। कोई नियत-नीति नहीं, नैतिकता नहीं, कोई सिद्धांत नहीं, यह धर्म की राह कैसे?
Created On :   12 Jun 2020 12:30 AM IST