सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत का बयान, रोहिंग्या मुसलमानों को एक-एक करके देश से बाहर खदेड़ेंगे

CM Trindendra Singh Rawat has given a controversial statement about Rohingya Muslims
सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत का बयान, रोहिंग्या मुसलमानों को एक-एक करके देश से बाहर खदेड़ेंगे
सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत का बयान, रोहिंग्या मुसलमानों को एक-एक करके देश से बाहर खदेड़ेंगे
हाईलाइट
  • उत्तराखंड की जनता से सीएम ने की अपील
  • अगर रोहिंग्या देखें तो सरकार को सूचित करें
  • खुफिया एजेंसियों ने रावत सरकार को भेजी थी घुसपैठ की रिपोर्ट
  • रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ को लेकर उत्तराखंड सीएम रावत ने दिया विवादास्पद बयान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने रोहिंग्या मुसलमान और असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की अंतिम सूची पर विवाद के बीच रोहिंग्यों को देश से खदेड़ ने की बात कही है। सीएम रावत ने कहा, "" मैं उत्तराखंड की जनता से कहना चाहता हूं कि अगर आपको कोई संदिग्ध नजर आए तो तुरंत सरकार को सूचित करे, मैं खुद एक-एक को बाहर कर दूंगा"" त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, किसी घुसपैठिए को, चाहे बांग्लादेशी हो या रोहिंग्या, एक-एक को छांट-छांट कर सीमा से बाहर किया जाएगा। 

इससे पहले बीजेपी महासचिव राम माधव ने कहा था कि असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की अंतिम सूची में शामिल नहीं किए जाने वाले लोगों का मताधिकार छीन लिया जाएगा और उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाएगा। इस बीच, बीजेपी नेता और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि एनआरसी को पूरे भारत में लागू किया जाए। 

 

खुफिया एजेंसियों ने किया खुलासा 
उत्तराखंड में पहुंचे रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ को लेकर खुफिया एजेंसियों ने उत्तराखंड की रावत सरकार को इसकी रिपोर्ट दी है। जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि रोहिंग्या अब उत्तराखंड में शरण ले रहे है। दरअसल, कुछ समय पूर्व विधायक खानपुर कुंवर प्रणव चैंपियन ने एक बयान में कहा था कि रोहिंग्या हरिद्वार तक पहुंच चुके हैं। उस समय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस बात का समर्थन नहीं किया था। इसके बाद उन्होंने खुफिया एजेंसियों से इसका इनपुट लिया। इस पर सरकार को प्रदेश में बाहर से आकर अवैध रूप से बसने वालों की जानकारी मिली।

40 लाख लोग अवैध भारतीय
एनआरसी की सूची जारी होने के बाद 2 करोड़ 89 लाख लोग असम के नागरिक निकलें। जबकि यहां रह रहे 40 लाख लोगों का नाम इस सूची में नहीं है। यानी 40 लाख लोगों को भारतीय नागरिक नहीं माना गया है। अब इन लोगों के पास अपने दावे पेश करने का मौका होगा। मार्च 1971 से पहले से रह रहे लोगों को रजिस्टर में जगह मिली है जबकि उसके बाद से आए लोगों के नागरिकता दावों को संदिग्ध माना गया है।

Created On :   14 Sept 2018 10:02 AM IST

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