चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हुई झड़प ने केंद्र सरकार की उड़ायी नींद, सदन में चर्चा चाहता है विपक्ष , सरकार कर रही आनाकानी
- आक्रमण पर चर्चा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन सैनिकों के बीच अरूणाचल प्रदेश के तवांग में हुई झड़प से पनपे तनाव ने विपक्ष को भारत सरकार को घेरने का मौका दिया है। विपक्ष चर्चा को लेकर सदन में मोदी सरकार से सवाल जवाब करना चाहती है, कांग्रेस के कई नेता केंद्र सरकार पर खामोश होना का आरोप लगा रहे है, वहीं बीजेपी नेता विपक्षी पार्टियों पर भारतीय सैनिकों को हतोत्साहित करने का आरोप लगा रहे है।
अलवर में कांग्रेस के अध्यक्ष कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम चीन के आक्रमण पर चर्चा चाहते हैं लेकिन वह (सरकार) चर्चा के लिए तैयार नहीं है। वह बाहर शेर जैसे बात करते हैं लेकिन असल में वह चूहे की चाल चलते हैं। हम देश के साथ हैं लेकिन सरकार जानकारी छुपा रही है
हम चीन के आक्रमण पर चर्चा चाहते हैं लेकिन वह (सरकार) चर्चा के लिए तैयार नहीं है। वह बाहर शेर जैसे बात करते हैं लेकिन असल में वह चूहे की चाल चलते हैं। हम देश के साथ हैं लेकिन सरकार जानकारी छुपा रही है: अलवर में कांग्रेस के अध्यक्ष कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे pic.twitter.com/I9yNDWnO3H
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 19, 2022
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा हमारी फौज बहादुर है मगर हमारी सरकार चीन के मामले में कमजोर है। सरकार इस मुद्दे पर संसद में बहस क्यों नहीं कराती? हमारा चीन के साथ जो व्यापार में असंतुलन है उसके लिए सरकार क्या कर रही है? वह टिकटॉक बैन कर रही है। सरकार चीन का नाम नहीं ले रही है।
हमारी फौज बहादूर है मगर हमारी सरकार चीन के मामले में कमजोर है। सरकार इस मुद्दे पर संसद में बहस क्यों नहीं कराती? हमारा चीन के साथ जो व्यापार में असंतुलन है उसके लिए सरकार क्या कर रही है? वह टिकटॉक बैन कर रही है। सरकार चीन का नाम नहीं ले रही है: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी pic.twitter.com/BOm0GAUD1q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 19, 2022
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की आलोचना नहीं करनी चाहिए। हमारे जवान यांग्त्से में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर खड़े होकर हमारी सीमा की रखवाली कर रहे हैं। उनका सम्मान और सराहना की जानी चाहिए
हमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की आलोचना नहीं करनी चाहिए। हमारे जवान यांग्त्से में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर खड़े होकर हमारी सीमा की रखवाली कर रहे हैं। उनका सम्मान और सराहना की जानी चाहिए: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 19, 2022
राहुल गांधी के बयान पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हमें राजनीतिक आलोचना से कोई समस्या नहीं है लेकिन हमें अपने जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए। जब मैं देखता हूं कि कौन सलाह दे रहा है तो मैं केवल झुक सकता हूं और सम्मान कर सकता हूं।जवानों के लिए पिटाई शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए
हमें राजनीतिक आलोचना से कोई समस्या नहीं है लेकिन हमें अपने जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए।जब मैं देखता हूं कि कौन सलाह दे रहा है तो मैं केवल झुक सकता हूं और सम्मान कर सकता हूं।जवानों के लिए पिटाई शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए: राहुल गांधी के बयान पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर pic.twitter.com/xsmDrvPQ9g
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 19, 2022
अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो भारतीय सेना को सीमा पर किसने भेजा। अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो आज चीन पर डी-एस्केलेशन और डिसइंगेजमेंट के लिए दबाव क्यों बना रहे हैं? हम सार्वजनिक रूप से क्यों कह रहे हैं कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं?
अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो भारतीय सेना को सीमा पर किसने भेजा। अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो आज चीन पर डी-एस्केलेशन और डिसइंगेजमेंट के लिए दबाव क्यों बना रहे हैं? हम सार्वजनिक रूप से क्यों कह रहे हैं कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं? : विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर pic.twitter.com/OzxYQE3z6e
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 19, 2022
Created On :   19 Dec 2022 4:58 PM IST