चिन्मायानंद मामला: SIT ने हाईकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, पीड़िता की अर्जी खारिज

Chinmayanand case: SIT submits report to High Court, victims application rejected
चिन्मायानंद मामला: SIT ने हाईकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, पीड़िता की अर्जी खारिज
चिन्मायानंद मामला: SIT ने हाईकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, पीड़िता की अर्जी खारिज
हाईलाइट
  • चिन्मयानंद से जुड़े मामले में सोमवार को एसआईटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद से जुड़े मामले में सोमवार को एसआईटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। वहीं, फिरौती मांगने के आरोप में गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रयागराज गई आरोप लगाने वाली छात्रा की अग्रिम जमानत याचिका अदालत ने नामंजूर कर दी। अदालत ने धारा 164 के तहत दोबारा कलमबंद बयान दर्ज करवाने की छात्रा की मांग को भी ठुकरा दिया। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 22 अक्टूबर की तारीख तय की है।

पीड़ित युवती ने अपनी गिरफ्तारी रुकवाने के लिए एक आवेदन दिया था, लेकिन अदालत ने उसे किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि यदि पीड़ित युवती इस संबंध में कोई राहत चाहती है तो वह उचित पीठ के समक्ष नए सिरे से एक याचिका दायर कर सकती है। अदालत ने कहा कि यह पीठ इस मामले में केवल जांच की निगरानी करने के लिए नामित की गई है और गिरफ्तारी के मामले में रोक लगाने का कोई आदेश पारित करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।

इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वत: संज्ञान लिए जाने के बाद न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की पीठ मामले को देख रही है। अदालत ने पेनड्राइव, सीडी और अन्य कई दस्तावेजों के साथ सौंपी गई एसआईटी की स्टेटस रिपोर्ट से संतुष्टि जताई है। इसके अलावा एसआईटी के आईजी नवीन अरोड़ा ने कोर्ट के सामने फिरौती मांगने की आरोपी छात्रा और उसके दोस्त संजय की कॉल डिटेल पेश करते हुए बताया कि दोनों के बीच 40,200 बार बातचीत हुई है।

छात्रा के वकील रवि किरण जैन का कहना है कि जिस समय धारा 164 के तहत बयान दर्ज किए जा रहे थे, वहां एक तीसरी महिला भी मौजूद थी जो अपने मोबाइल पर लगातार कुछ कर रही थी। इसके अलावा मजिस्ट्रेट ने बयान के हर पन्ने पर छात्रा के हस्ताक्षर नहीं लिए हैं। इसके जवाब में अदालत ने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि हर पेज पर हस्ताक्षर कराए जाएं। तीसरी महिला की मौजूदगी का मामला चूंकि ट्रायल कोर्ट देखेगा, इसलिए इस आधार पर दोबारा बयान की अनुमति नहीं दी जा सकती।

मामले को लेकर प्रदेश सरकार के वकील ने कोर्ट से मांग की कि मामले की सुनवाई चेंबर में की जाए। इस पर स्वामी चिन्मयानंद के वकील दिलीप कुमार ने आपत्ति जताते हुए कहा कि एसआईटी प्रेस कन्फ्रेंस करके पूरे मामले की जानकारी दे रही है। इस मामले में गोपनीयता की जरूरत नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने चेंबर में सुनवाई की मांग को भी नामंजूर कर दिया।

इधर, सोमवार सुबह तबीयत बिगड़ने के कारण चिन्मयानंद को लगभग 7 बजे एंजियोग्राफी के लिए जिला कारागार से लखनऊ पीजीआई भेजा गया है। चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली एलएलएम की छात्रा फिरौती मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए पिता और भाई के साथ रविवार को प्रयागराज चली गई।

मालूम हो कि एसआईटी ने शुक्रवार को चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सुबह स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने चिन्मयानंद को उसके आश्रम से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उनका मेडिकल टेस्ट कराकर एसआईटी ने कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने चिन्मयानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। रंगदारी मामले में छात्रा के दोस्त संजय, विक्रम और सचिन को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

 

Created On :   23 Sept 2019 3:30 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story