चीन की चतुर चाल! भारत की सीमा के निकट शुरू की बुलेट ट्रेन
- भारत के खिलाफ चीन की नई चाल
डिजिटल डेस्क, बीजिंग । भारत और चीन के बीच हमेशा से ही सीमा को लेकर विवाद रहा है, चाहे वो हाल ही में हुए पैंगोंग झील को लेकर हो या फिर डोकलाम का विवाद, डिफेंस के जानकारों का हमेशा से कहना रहा है कि चीन की हमेशा से एक ही रणनीति रही है। तीन कदम आगे बढ़ाने के बाद एक कदम पीछे करना। भारत और चीन के बीच जारी विवाद कम होने के बजाए बढ़ता ही जा रहा है। अब इसमें एक और विवाद जुड़ता जा रहा है वो है। भारत की सीमा के पास तिब्बत में पहली बुलेट ट्रेन का परिचालन करना जो प्रांतीय राजधानी लहासा और नियंगची को जोड़ेगी। आपको बतादें कि भारत और चीन के बॉर्डर की कुल लंबाई 3488 किलोमीटर है। यह जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश में स्थित है। ।
चीन पर दुनियाभर में कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी फैलाने का आरोप लगा है, जिसका शिकार भारत भी हुआ है, भारत इस महामारी से जूझ ही रहा था कि, चीन ने एक और विवाद को जन्म देने का काम किया है। दरअसल चीन ने भारत सीमा के पास तिब्बत में पहली बुलेट ट्रेन सेवा शुरू कर दी है। चीन ने तिब्बत के सुदूर हिमालयी क्षेत्र में पहली पूरी तरह बिजली से चालित बुलेट ट्रेन का शुक्रवार को परिचालन शुरू किया जो प्रांतीय राजधानी लहासा और नियंगची को जोड़ेगी। नियंगची अरुणाचल प्रदेश के करीब स्थित तिब्बत का सीमाई नगर है।
सिचुआन-तिब्बत रेलवे के 435.5 किलोमीटर लंबे लहासा-नियंगची खंड का एक जुलाई को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के शताब्दी समारोहों से पहले उद्घाटन किया गया है। तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में पहले विद्युत चालित रेलवे की शुक्रवार सुबह से शुरुआत हुई, जो लहासा से नियंगची तक गई जहां "फूक्सिंग" बुलेट ट्रेनों का पठारी क्षेत्र में आधिकारिक परिचालन शुरू हुआ।
राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने दिया था निर्देश
सिचुआन-तिब्बत रेलवे किंगहाई-तिब्बत रेलवे के बाद यह तिब्बत में दूसरी रेलवे होगी। किंगहाई-तिब्बत पठार के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र से होकर गुजरेगी जो विश्व के भूगर्भीय रूप से सबसे सक्रिय क्षेत्रों में से एक माना जाता है। आपको बता दें कि नवंबर में, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अधिकारियों को सिचुआन प्रांत को तिब्बत में नियंगची से जोड़ने वाली नई रेलवे परियोजना का काम तेज गति से करने का निर्देश दिया था और कहा था कि नई रेल लाइन सीमा स्थिरता को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाएगी।
इसलिए शुरू की बुलेट ट्रेन
सिचुआन-तिब्बत रेलवे की शुरुआत सिचुआन प्रांत की राजधानी, चेंगदू से होगी और यान से गुजरते हुए कामदो के जरिए तिब्बत में प्रवेश करेगी जिससे चेंगदू से लहासा की यात्रा 48 घंटे से कम होकर 13 घंटे तक हो जाएगी । नियंगची मेडोग का प्रांतीय स्तर का शहर है जो अरुणाचल प्रदेश सीमा से सटा हुआ है।
तो क्या है पूरा विवाद
चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है। जिसे भारत पुरजोर तरीके से खारिज करता है। भारत-चीन सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर है। शिंगहुआ यूनिवर्सिटी में नेशनल स्ट्रेटजी इंस्टीट्यूट के शोध विभाग के निदेशक कियान फेंग ने पूर्व में बताया था कि, "चीन-भारत सीमा पर अगर संकट का कोई परिदृश्य बनता है तो रेलवे चीन को रणनीतिक सामग्रियां पहुंचाने में बहुत सुविधा देगी।" हांलाकि भारत इस पूरे घटनाक्रम पर करीब से नजर बनाए हुए है।
Created On :   25 Jun 2021 3:44 PM IST