आतंकवाद से पीड़ित परिवारों के बच्चे बनेंगे डॉक्टर, गृह मंत्रालय ने मांगे नाम

Children of families suffering from terrorism will become doctors, Home Ministry asked for names
आतंकवाद से पीड़ित परिवारों के बच्चे बनेंगे डॉक्टर, गृह मंत्रालय ने मांगे नाम
नीट के जरिए आतंकवाद से पीड़ित परिवारों के बच्चे बनेंगे डॉक्टर, गृह मंत्रालय ने मांगे नाम
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने 2022-23 के लिए आवंटित एमबीबीएस/बीडीएस सीटों को भरने के लिए राज्यों से आतंकवाद से पीड़ित परिवारों के जीवनसाथी और बच्चों के नाम मांगे हैं। इनके लिए केंद्र की तरफ से 4 सीटें आवंटित की गई हैं। नियम के तहत उन बच्चों को पहली प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके माता-पिता दोनों को आतंकवादियों ने मार डीला है।

देश में कहीं भी आतंक का शिकार हुए परिवार के बच्चे भी अब डॉक्टर बन सकेंगे। केंद्र ने एक आदेश जारी करते हुए तीन राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में आतंक पीड़ित परिवारों के बच्चों के लिए चार एमबीबीएस सीटें आरक्षित की हैं। गृह मंत्रालय की तरफ से इसके लिए राज्यों से 15 नवंबर तक नाम भेजने को कहा गया है।

गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक इन सीटों को भरने के लिए पहली प्राथमिकता उन बच्चों को दी जाएगी, जिनके माता और पिता दोनों किसी आतंकवादी घटना में मारे गए हों। दूसरी प्राथमिकता उन बच्चों को दी जाएगी, जिनके इकलौता कमाने वाले को आतंकियों ने मार दिया है। वहीं तीसरी प्राथमिकता उन बच्चों को मिलेगी, जिनके परिजन आतंकी हादसे में हमेशा के लिए गंभीर अपंग हो गए हों।

वहीं केंद्र सरकार द्वारा अपने कोटे से जो 4 सीटें आवंटित की गयी हैं, इनमें 1 सीट एएन मगध मेडिकल कॉलेज बिहार, 1 ग्रांट मेडिकल कॉलेज महाराष्ट्र और 2 सीटें जेएनएम मेडिकल कॉलेज छत्तीसगढ़ में रखी गई हैं। जानकारी के मुताबिक दाखिलों के सभी नियम नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) के ही फॉलो किए जाएंगे।

 

आईएएनएस

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Created On :   2 Nov 2022 11:30 AM IST

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