सभापति नायडू ने सरकार और विपक्ष से गतिरोध दूर करने को कहा
- 1962 से 2010 तक 11 बार निलंबन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को सरकार और विपक्ष से 12 सांसदों के निलंबन मामले पर गतिरोध को हल करने को कहा है। मौजूदा गतिरोध से आहत उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब सदस्यों को निलंबित किया गया है। इस तरह के निलंबन 1962 से 2010 के बीच 11 बार हो चुके हैं।
उन्होंने कहा क्या वे सभी अलोकतांत्रिक थे? यदि हां, तो इसका इतनी बार सहारा क्यों लिया गया? उन्होंने इसे अलोकतांत्रिक करार देने के लिए विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कुछ सम्मानित नेताओं और इस अगस्त सदन के सदस्यों ने अपने विवेक से 12 सदस्यों के निलंबन को अलोकतांत्रिक बताया।
पिछले सत्र के दौरान कुछ सदस्यों ने तिरस्कारपूर्ण आचरण किया था जिसे मैंने स्पष्ट रूप से अपवित्रता के कृत्यों के रूप में कहा है। उन्होंने कहा कि यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि सदन का अपमान लोकतांत्रिक है, लेकिन इस तरह की तिरस्कार के खिलाफ कार्रवाई अलोकतांत्रिक है जो दुर्भाग्यपूर्ण है और देश के लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि सदस्यों ने अपने अनियंत्रित कार्य पर खेद व्यक्त किया लेकिन निलंबन को रद्द करना चाहते हैं। उच्च सदन ने सोमवार को 11 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान सदन में हंगामा करने पर 12 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया था। निलंबित सांसद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा और शिवसेना से हैं।
(आईएएनएस)
Created On :   2 Dec 2021 9:00 AM GMT