क्लीन चिट पर EC में मतभेद, CEC ने आयुक्त लवासा को दिया जवाब

CEC Sunil Arora issues statement on Ashok Lavasa purported letter, Congress attacked on Modi govt
क्लीन चिट पर EC में मतभेद, CEC ने आयुक्त लवासा को दिया जवाब
क्लीन चिट पर EC में मतभेद, CEC ने आयुक्त लवासा को दिया जवाब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के आखिरी दौर में आचार संहिता उल्लंघन के मामलों पर लिए गए फैसलों को लेकर चुनाव आयोग में ही मतभेद उजागर हो रहे हैं। आयोग के आचार संहिता तोड़ने संबंधी कई फैसलों पर असहमति जताने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को पत्र लिखकर अपना विरोध जाहिर किया है। उन्होंने मांग की है कि आयोग के फैसलों में आयुक्तों के बीच मतभेद को भी आधिकारिक रिकॉर्ड पर शामिल किया जाए। मुख्य चुनाव आयुक्त ने जवाब में कहा है कि, जरूरी नहीं सभी मुद्दों पर सभी सदस्यों की राय एक हो। बेवजह इस मुद्दे को तूल दिया जा रहा है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है।

दरअसल प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को क्लीन चिट देने पर असहमति जताने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने अपना विरोध खुलकर जाहिर किया है। चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने दावा किया था कि, अल्पमत के फैसलों का कोई रिकॉर्ड नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, वह बैठक में तभी शामिल होंगे, जब आयोग के आदेश में अल्पमत के भी फैसले का जिक्र हो। लवासा ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि, चुनाव आचार संहिता के मामले में भी असहमति टिप्पणी को रिकॉर्ड नहीं किया जा रहा, इसलिए वह बैठक में हिस्सा न लेने के लिए मजबूर हुए। हालांकि चुनाव आयुक्त अशोक लवासा चुनाव आयोग की बाकी सभी बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं। लवासा ने मांग की है कि आचार संहिता उल्लंघन मामले में भी अल्पमत के पक्ष की रिकॉर्डिंग हो। 

मुख्य चुनाव आयुक्त ने दी सफाई
लवासा के चिट्ठी के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा सफाई देते हुए कहा है, आदर्श आचार संहिता के संबंध में चुनाव आयोग के आंतरिक कामकाज के बारे में आज मीडिया के वर्गों में घृणित और टालने योग्य विवाद प्रकाशित हुआ। अरोड़ा ने लिखा है,आयोग के तीन सदस्यों से यह बिल्कुल आशा नहीं की जाती कि वे एक दूसरे के विचार से सहमत हों। पहले भी ऐसा कई बार हुआ है कि जब विचारों में काफी भिन्नता समाने आई और ऐसा होना भी चाहिए।

अरोड़ा ने कहा, लेकिन जो भी अंसतोष होते हैं वह तब तक जगजाहिर नहीं होते जब तक कि कार्यालय से सेवानिवृत्त होने के बाद संबंधित चुनाव आयुक्त या मुख्य चुनाव आयुक्त किताब में इसका जिक्र नहीं करते। जब भी आवश्यकता होती है मैं व्यक्तिगत रूप से सार्वजनिक बहस से कभी नहीं कतराता हूं लेकिन हर चीज के लिए समय होता है। उन्होंने कहा, आज मीडिया में चुनाव आयोग की आंतरिक कार्यप्रणाली को लेकर रिपोर्टिंग की गई। इस विवाद को टाला भी जा सकता था।

वहीं इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने कहा कि- चुनाव आयोग मोदी जी का पिट्ठू बन चुका है। अशोक लवासा जी की चिट्ठी से साफ है सीईसी और उनके सहयोगी लवासा जी का जो भिन्न मत है मोदी जी और अमित शाह को लेकर, उसको भी रिकॉर्ड करने को तैयार नहीं हैं।

Created On :   18 May 2019 3:03 PM IST

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