रेलवे की वेबसाइट हैक कर बुक करता था ई-टिकट, CBI ने किया गिरफ्तार
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डिजिटल डेस्क, जौनपुर। इंडियन रेलवे की वेबसाइट को एक सॉफ्टवेयर की मदद से हैक करने वाला युवक गिरफ्तार कर लिया गया है। सरकार को लाखों रुपये का चूना लगा चुके इस युवक को दिल्ली से आयी सीबीआई की टीम ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से गिरफ्तार किया। सीबीआई की सात सदस्यीय टीम ने जिले के अलग-अलग 10 स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की। जिसके बाद जफराबाद थाना क्षेत्र के नाथूपुर गांव निवासी अनिल गुप्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो इस पूरे गोरखधंधे का खुलासा हुआ। इस काम में उसके साथ एक सीबीआई में काम करने वाला एक असिस्टेंट प्रोग्रामर अजय गर्ग भी शामिल था। आरोपी सीबीआई में आने से पहले आईआरसीटीसी के साथ काम करता था। आरोप है कि सीबीआई के इस कारिंदे ने रेलवे टिकट बुक करने के लिए एक अवैध सॉफ्टवेयर बनाया था।
48 घंटे के लिए ट्रांजिट रिमांड पर आरोपी
सीबीआई ने विभिन्न धाराओं में हैकर पर मामला दर्ज किया है। जांच अधिकारी सुशील दीवान की टीम लगातार इस तरह की गतिविधि पर अपनी नजर बनाए हुए थी। बुधवार को अनिल गुप्ता को कोर्ट में पेश किया जाएगा। मैजिस्ट्रेट ने विवेचक के प्रार्थना पत्र पर 48 घंटे के लिए ट्रांजिट रिमांड पर उसे दिल्ली भेज दिया। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि कई माह से यह शिकायत मिल रही थी कि रेलवे आरक्षण की वेबसाइट को हैक कर बड़े पैमाने पर ई-टिकटों की बुकिंग की जा रही थी। इसके बाद उन्हें अवैध तरीके से बेचने का गोरखधंधा संचालित किया जा रहा था।
ट्रैवल्स के नाम पर करता था गोरखधंधा
जानकारी के अनुसार, अनिल करीब 12 वर्ष पूर्व मुंबई में जाकर टूर, ट्रैवल्स के नाम पर रेलवे टिकट बेचने का काम करता था। इस बीच कुछ महीनों से वह जौनपुर में आकर शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के ओलंदगंज स्थित फल वाली गली में एक टूर-ट्रैवेल्स की दुकान पर जाकर अपने गोरखधंधे को संचालित कर रहा था। अनिल ने रेलवे आरक्षण की वेबसाइट को हैक कर अपनी मर्जी के मुताबिक मुंबई जाने वाले यात्रियों को सामान्य नाम से टिकट बुक कराकर उन्हें बेच देता था। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि अनिल ने रेलवे को कितना नुकसान पहुंचाया है।
ऑनलाइन फर्जीवाड़े का भी खुलासा
पुलिस को इस छापेमारी में अनिल के पास से लैपटॉप, हार्डडिस्क सहित कई महत्वपूर्ण सबूत बरामद हुए हैं। जिन्हें उसने अपने कब्जे में ले लिया है। फिलहाल सीबीआई के अधिकारी इस रैकेट से जुड़े अन्य अभियुक्तों की तलाश में जुट गई है। अनिल से पूछताछ में बैंकों से ऑनलाइन फर्जीवाड़ा करने का मामला भी सामने आया है। आरोपी अजय गर्ग बिटकॉइन और हवाला नेटवर्क के जरिए रकम हासिल करता था। आरोपी ने यह अवैध सॉफ्टवेयर उसी वक्त बनाया था, जब उसकी तैनाती आईआरसीटीसी में थी। इस सॉफ्टवेयर के जरिए वह उपयोगकर्ताओं के लिए एक बार में 800 से 1000 हजार टिकट बुक कर सकता है। सीबीआइ के इंस्पेक्टर सुशील दीवान ने आरोपी का जिला चिकित्सालय में चिकित्सकीय परीक्षण भी कराया है।
Created On :   28 Dec 2017 8:12 AM IST