रक्षा कमेटी की बैठक में LAC पर चर्चा चाहते थे राहुल गांधी, मांग नहीं मानी तो सांसदों के साथ वॉकआउट किया

Cant Discuss China, Rahul Gandhi Walks Out Of Defence Panel Meet
रक्षा कमेटी की बैठक में LAC पर चर्चा चाहते थे राहुल गांधी, मांग नहीं मानी तो सांसदों के साथ वॉकआउट किया
रक्षा कमेटी की बैठक में LAC पर चर्चा चाहते थे राहुल गांधी, मांग नहीं मानी तो सांसदों के साथ वॉकआउट किया
हाईलाइट
  • LAC पर चाहते थे चर्चा
  • रक्षा कमेटी की बैठक से राहुल समेत कांग्रेस सांसदों का वॉकआउट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और उनके कुछ संसदीय सहयोगियों ने चीन के साथ सीमा मुद्दों पर चर्चा करने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद रक्षा समिति की बैठक से वाकआउट कर दिया। सूत्रों के हवाले से ये बात सामने आई है। सूत्रों ने कहा कि ये बैठक आज दोपहर तीन बजे निर्धारित की गई थी। राहुल गांधी और कांग्रेस सांसदों की चीन के साथ सीमा विवाद पर चर्चा करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था, जिसके बाद वह सांसदों के साथ रक्षा समिति की बैठक से बाहर चले गए।

इससे पहले पिछले साल दिसंबर में भी राहुल गांधी ने रक्षा कमेटी की बैठक से सांसदों के साथ वॉकआउट कर दिया था। उस समय चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत कमेटी को रक्षा यूनिफॉर्म के बारे में जानकारी दे रहे थे। तब राहुल ने उन्हें टोकते हुए कहा था कि लद्दाख में हमारी तैयारी क्या है? चीन के खिलाफ हमारी रणनीति क्या है? इस पर चर्चा होनी चाहिए। इसके बाद कमेटी के अध्यक्ष जुआल ओराम ने राहुल गांधी को बीच में बोलने से रोका तो राहुल बैठक छोड़कर चले गए। उनके साथ कांग्रेस के कई सांसद भी वहां से चले गए थे।

राहुल गांधी लंबे समय से सरकार की आलोचना करते रहे हैं। राहुल ने कई बार दावा किया कि भारत ने चीन को अपनी जमीन दे दी है। राहुल गांधी अक्सर दावा करते रहते हैं कि चीन भारत की सीमा में घुस चुका है और काफी जमीन पर कब्जा कर चुका है लेकिन पीएम मोदी (PM Modi) चीन से डरते हैं, इसलिए कुछ करते नहीं हैं। बुधवार सुबह ही राहुल गांधी ने एक अखबार की कटिंग को शेयर करते हुए एक बार फिर से मोदी सरकार पर देश को कमजोर करने का आरोप लगाया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "मोदी सरकार ने विदेश और रक्षा नीति को देशीय राजनैतिक हथकंडा बनाकर हमारे देश को कमजोर कर दिया है। भारत इतना असुरक्षित कभी नहीं रहा।"

बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में पिछले साल जून में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। नौ महीने के गतिरोध के बाद, इस साल फरवरी में भारत और चीन की सेनाएं पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर डिसएंगेजमेंट को तैयार हुई। इस समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं ट्रूप्स की फॉर्वर्ड डिप्लॉयमेंट नहीं कर सकती। हालांकि राहुल गांधी के दावे के विपरीत भारत सरकार ने फरवरी में कहा था कि पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो में डिसएंगेजमेंट के समझौते के तहत किसी तरह की कोई जमीन चीन को नहीं सौंपी है।

Created On :   14 July 2021 9:11 PM IST

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