राजीव कुमार को हाईकोर्ट से राहत, एक महीने तक CBI नहीं कर सकेगी अरेस्ट
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डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कोलकाता के पूर्व कमिश्नर और CID के ADG राजीव कुमार को कलकत्ता हाईकोर्ट से राहत मिली है। गुरुवार को हाईकोर्ट ने राजीव कुमार को राहत देते हुए एक महीने तक उनके खिलाफ किसी भी तरह की बलपूर्वक कार्रवाई नहीं किए जाने का आदेश दिया। इसका मतलब है कि उन्हें अगले एक महीने तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। हालांकि CBI की एक टीम राजीव कुमार की अटेंडेंस लेने के लिए रोज शाम चार बजे उनके घर जाएगी।
राजीव कुमार को आदर्श आचार संहिता वापस लेने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एडीजी सीआईडी के पद पर बहाल किया है। CBI ने राजीव कुमार को समन जारी कर शारदा चिटफंड मामले में पूछताछ के लिए कोलकाता स्थित ऑफिस में पेश होने के लिए कहा था। इसके बाद CID ने CBI को जानकारी दी कि राजीव कुमार छह दिनों के लिए वाराणसी के आधिकारिक अवकाश पर हैं और शारदा चिटफंड योजना के संबंध में पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हो पाएंगे।
CID के डीएसपी मधुसूदन घोष और इंस्पेक्टर अभिजीत मुखोपाध्याय CBI के नोटिस का जवाब देने के लिए सोमवार सुबह करीब 11.30 बजे कोलकाता के सीजीओ कॉम्प्लेक्स पहुंचे और CBI अधिकारियों से मुलाकात की थी। CID के एक सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, 'राजीव कुमार छह दिनों की छुट्टी पर हैं और CBI के अधिकारियों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है।' इसके बाद कोलकाता में मौजूद CBI अधिकारियों ने नई दिल्ली मुख्यालय में अपने समकक्षों को इस बारे में सूचित किया।
CBI की एक टीम रविवार शाम को शहर के पूर्व पुलिस अफसर राजीव कुमार के आधिकारिक आवास पर पहुंची था। हालांकि, CBI टीम को ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा गार्डों ने बताया था कि राजीव कुमार अब इस आवास का उपयोग नहीं करते हैं क्योंकि वह अब पुलिस कमिश्नर नहीं है। इसके बाद CBI की टीम कुमार के ठिकाने के बारे में जानकारी लेने के लिए साउथ डिविजन के डेप्यूटी पुलिस कमिश्नर के कार्यालय पहुंची थी। बाद में राजीव कुमार के खिलाफ समन जारी कर उन्हें सोमवार सुबह CBI के कोलकाता कार्यालय में सुबह 10 बजे उपस्थित होने के लिए कहा गया।
इससे पहले शनिवार को CBI ने कुमार के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया था ताकि वह देश छोड़कर न जा सके। जांच एजेंसी की ओर से कुमार के खिलाफ एयरपोर्ट और लैंड पोर्ट्स को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि राजीव कुमार को देश छोड़ने की अनुमति नहीं है। नोटिस का मतलब है कि कुमार, जो कथित रूप से शारदा चिट फंड घोटाले की जांच से जुड़े हुए हैं अगर भारत छोड़ने की कोशिश करते है तो उन्हें CBI को सौंप दिया जाएगा।
गौरतलब है कि कुमार पर शारदा चिट फंड घोटाले से जुड़े सबूतों को नष्ट करने का आरोप है। वह चिट फंड घोटाले की जांच कर रही पश्चिम बंगाल पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) के प्रमुख थे। इस मामले को लेकर CBI राजीव कुमार से पूछताछ करना चाहती है। इसको लेकर CBI ने अभी तक 80 चार्जशीट फाइल की है। इस केस में पूर्व फाइनेंस मिनिस्टर पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिंदबरम पर भी आरोप लगे थे। नलिनी पर आरोप था कि उन्हें शारदा ग्रुप से 1.4 करोड़ रुपए मिले थे।
CBI राजीव कुमार को गिरफ्तार न कर सके इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी पर सात दिनों की रोक लगा दी गई थी। गिरफ्तारी से मिली 7 दिनों की राहत के बाद 24 मई को राजीव कुमार एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। राजीव कुमार का कहना था कि वह वकीलों की हड़ताल के कारण पश्चिम बंगाम में लीगल रेमेडी प्राप्त नहीं कर पाए हैं इसीलिए उन्हें और कुछ दिनों की राहत दी जाए। हालांकि, राजीव कुमार की इन दलीलों के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें और राहत देने से इनकार कर दिया था।
Created On :   30 May 2019 9:46 PM IST