शांति और विकास में बड़ी भूमिका निभाने के लिए ब्रिक्स की अपेक्षा है
- ये पहल अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए बहुत लाभदायक हैं।
डिजिटल डेस्क,बीजिंग। मुंबई ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के पूर्व अध्यक्ष सुधींद्र कुलकर्णी ने हाल ही में सिन्हुआ न्यूज एजेंसी को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि ब्रिक्स तंत्र विकासशील देशों को अपनी चिंताओं और आकांक्षाओं को व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान करता है, और उम्मीद है कि यह तंत्र शांति और विकास में बड़ी भूमिका निभाएगा।
इस साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की चर्चा करते हुए कुलकर्णी ने कहा कि यह सम्मेलन इस साल बहुपक्षीय संबंधों के संपर्क में एक महत्वपूर्ण घटना है। वे सम्मेलन में ब्रिक्स देशों के भविष्य पर ध्यान केंद्रित करने और ब्रिक्स तंत्र के और बड़ी भूमिका निभाने पर चर्चा करने की अपेक्षा करते हैं।
कुलकर्णी ने कहा कि ब्रिक्स तंत्र की स्थापना के बाद से, पांच सदस्य देशों के नेता विभिन्न देशों और दुनिया की समान चिंता वाले मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए नियमित रूप से मुलाकात करते हैं। लगातार बदलते अंतरराष्ट्रीय वातावरण में कुछ उभरते बाजारों और विकासशील देशों का आर्थिक व राजनीतिक महत्व बढ़ता रहता है और उनकी क्षेत्रीय और विश्व शांति में योगदान करने की क्षमता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
कुलकर्णी ने कहा कि वर्तमान युग में विभिन्न देश अकेले चलने के बजाय एक साथ चलने से ही आगे बढ़ सकते हैं। चीन द्वारा प्रस्तुत वैश्विक विकास पहल और वैश्विक सुरक्षा पहल सभी मानव जाति के भविष्य पर ध्यान केंद्रित करती है और ये पहल अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए बहुत लाभदायक हैं।
उनके विचार में, वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय पैटर्न तेज गति से विकसित हो रहा है। इस संदर्भ में, उभरते बाजारों और विकासशील देशों के प्रतिनिधियों के रूप में, ब्रिक्स देशों को वैश्विक आर्थिक स्थिति को स्थिर करने, वैश्विक आर्थिक बहाली को तेज करने और वैश्विक राजनीतिक मंच पर निष्पक्ष विकास एजेंडा की वापसी को जोर से बढ़ाने के लिए सक्रिय कार्रवाई करनी चाहिए।
कुलकर्णी ने बताया कि महामारी ने विभिन्न देशों में समाज के सामान्य जीवन को गंभीर और दीर्घकालिक नुकसान पहुंचाया है। महामारी ने लोगों को सिखाया है कि वैश्विक संकट के सामने वैश्विक सहयोग के माध्यम से इसका निपटारा किया जाना चाहिए। ब्रिक्स और अन्य उभरते बाजार देशों की संयुक्त कार्रवाइयां वैश्विक आर्थिक बहाली को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। साथ ही, सभी पक्षों को भू-राजनीतिक संघर्ष जैसे मुद्दों पर संवाद और सहयोग को भी मजबूत करना चाहिए।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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Created On :   17 Jun 2022 7:01 PM IST