India-China Dispute: लद्दाख में सैनिकों के बीच हिंसक झड़प, इंडियन आर्मी के कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद, चीन के 43 सैनिक हताहत

Border dispute: Violent clash after 53 years on Indo-China border
India-China Dispute: लद्दाख में सैनिकों के बीच हिंसक झड़प, इंडियन आर्मी के कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद, चीन के 43 सैनिक हताहत
India-China Dispute: लद्दाख में सैनिकों के बीच हिंसक झड़प, इंडियन आर्मी के कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद, चीन के 43 सैनिक हताहत

डिजिटल डेस्क, लद्दाख। लद्दाख में भारत और चीन के बीच एलएसी पर लंबे समय से जारी विवाद अब सैनिकों के बीच हिंसक झड़प तक पहुंच गया है। सोमवार रात लद्दाख की गलवान वैली में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के एक कर्नल और 19 जवान शहीद हो गए। हालांकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच कोई गोली नहीं चली। इससे पहले दिन में खबर आई थी कि भारत के तीन जवान शहीद हुए हैं। अब ये आंकड़ा बढ़ गया है। 

सेना ने 3 के नाम आधिकारिक तौर पर बताए हैं। इनमें 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू, हवलदार पालानी और सिपाही कुंदन झा शामिल हैं। बाकी नामों की जानकारी अभी सामने नहीं आई है। चीन की तरफ से भी 3 से 5 सैनिकों के मारे जाने और 11 जवानों के घायल होने की खबर है। तीन घंटे चली यह झड़प दुनिया की दो एटमी ताकतों के बीच लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गालवन वैली में हुई। उसी गालवन वैली में, जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी। भारत ने चीन की तरफ हुई बातचीत इंटरसेप्ट की है। इसके मुताबिक, चीन के 43 सैनिक हताहत होने की खबर है, लेकिन चीन ने यह कबूला नहीं है।  

मई से तनाव, जून में चार बार बातचीत हुई, फिर भी हिंसा भड़की-
दोनों देशों के बीच 41 दिन से सीमा पर तनाव है। इसकी शुरुआत 5 मई से हुई थी। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच जून में ही चार बार बातचीत हो चुकी है। बातचीत में दोनों देशों की सेनाओं के बीच रजामंदी बनी थी कि बॉर्डर पर तनाव कम करने के लिए डी-एक्सकेलेशन किया जाए। डी-एक्सकेलेशन के तहत दोनों देशों की सेनाएं विवाद वाले इलाकों से पीछे हट रही थीं।

पूर्व डीजीएमओ ने कहा- इस झड़प को हल्के में न लें
पूर्व डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) विनोद भाटिया बताते हैं कि दोनों ओर के सैनिकों के बीच ये हिंसक झड़प बेहद चिंता की बात है। दोनों ही पक्षों को आपस में मिल-बैठकर हालात को तुरंत काबू में लाना होगा। यह हिंसक झड़प बताती है कि हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। इसे हल्के में न लिया जाए।

1967 में भी हिंसक टकराव हुआ था
1962 की जंग के बाद 11 सितंबर 1967 को सिक्किम के नाथू-ला में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद 15 सितंबर 1967 को भी झड़प हुई। विवाद अक्टूबर 1967 में जाकर थमा था। चीन ने तब दावा किया था कि भारत के 65 सैनिक शहीद हुए थे। वहीं, चो ला झड़प में भारत के 36 जवान शहीद हुए थे। अनुमान है कि पूरे टकराव के दौराान 400 चीनी सैनिक की भी मौत हुई थी।

कहां है गलवान वैली
गलवान वैली भारत चीन के लद्दाख सीमा रेखा का इलाका है। पिछले दिनों इस इलाके में चीनी सैनिकों के भारतीय सीमा में प्रवेश करने की वजह से दोनों देशों के बीच तनातनी देखने को मिल रही थी। 1962 से इस वैली में दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव देखने को मिला है।

चीनी सेना के 5 शहीद जवान 
भारतीय जवानों की जवाबी कार्रवाई में चीन के 5 सैनिक मारे गए हैं और 11 जवान घायल हुए हैं। चीन के अखबार द ग्लोबल टाइम्स की चीफ रिपोर्टर ने ही पहले इसे कन्फर्म किया। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि उन्होंने यह बात भारतीय मीडिया के हवाले से कही थी।

चीन ने कहा बातचीत से सुलझाएंगे मसला
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक चीनी विदेश मंत्री ने कहा है कि मौजूदा विवाद का हल बातचीत के जरिए होगा और इसके लिए दोनों देश तैयार हो गए हैं। चीनी विदेश मंत्री के मुताबिक दोनों देश सीमा पर शांतिपूर्ण स्थिति कायम रखने के लिए तैयार हो गए हैं।

आर्मी ने कहा- हालात काबू में करने के लिए मीटिंग जारी
आर्मी की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि कल यानी सोमवार रात को गलवान वैली में डी-एक्सकेलेशन प्रोसेस चल रही थी, लेकिन तभी हिंसा हो गई। हमारे एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए। अभी दोनों देशों की सेनाओं के सीनियर ऑफिसर तनाव कम करने के लिए मौके पर ही मीटिंग कर रहे हैं।

चीन का भी हुआ है नुकसान
भारतीय सेना मुख्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चीन की सेना को भी नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि अभी तक चीन के कितने सैनिक मरे हैं या घायल हुए हैं, इसको लेकर स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। सेना मुख्यालय की ओर से दिए गए बयान के मुताबिक दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी अभी मामले को सुलझाने के लिए घटनास्थल पर बैठक कर रहे हैं।

चीनी विदेश मंत्रालय ने दिया ये बयान
इस घटना के बाद चीनी विदेश मंत्रालय का आधिकारिक बयान सामने आया है। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक बीजिंग ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारतीय सैनिकों ने सीमा पार कर चीनी सैनिकों पर हमला किया था। वहीं न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत एकतरफा कार्रवाई न करे, नहीं तो मुश्किलें बढ़ेंगी। चीन ने भारत पर बॉर्डर क्रॉस करने का आरोप लगाया है।

राजनाथ सिंह ने ली बैठक
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत, तीनों सेना प्रमुख और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की है।

Created On :   16 Jun 2020 8:06 AM GMT

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