जहाज पर एनसीबी की छापेमारी में भाजपा के लोग शामिल थे
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक वरिष्ठ नेता ने कई चौंकाने वाले खुलासे करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा 2 अक्टूबर को लक्जरी जहाज कॉर्डेलिया क्रूज पर की गई छापेमारी में एक उपाध्यक्ष सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ता शामिल थे।
राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने एनसीबी के संचालन को धोखाधड़ी करार दिया, जिसमें भाजपा नेता मनीष भानुशाली और एक तथाकथित निजी जासूस किरण पी. गोसावी को शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और अरबाज मर्चेट सहित कुछ आरोपियों के साथ बाहर निकालते देखा गया था।
इसके साथ ही, शिवसेना नेता किशोर तिवारी, जिन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है, ने एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े की गिरफ्तारी की मांग की, जबकि कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने महा विकास अघाड़ी सरकार से मलिक के आरोपों की उच्च-स्तरीय स्वतंत्र जांच का आदेश देने का आग्रह किया, क्योंकि यह बेहद गंभीर प्रकृति के आरोप हैं।
वहीं एनसीबी के उप निदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने बुधवार को ऐसे आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा, एनसीबी के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि वे द्वेष और पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। एनसीबी दोहराता है कि हमारी जांच पेशेवर और कानूनी रूप से पारदर्शी और निष्पक्ष है और यह जांच जारी रहेगी।
मलिक ने यह आरोप भी लगाया है कि भानुशाली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राज्य में विपक्ष के नेता (विधानसभा) देवेंद्र फडणवीस, साथ ही वर्तमान और पूर्व केंद्रीय और राज्य के मंत्रियों के साथ-साथ भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ वाली अपनी तस्वीरें पोस्ट की हैं।
उन्होंने कहा कि भानुशाली सितंबर के अंतिम सप्ताह में नई दिल्ली और गांधीनगर में था, खासकर 21-22 सितंबर को, जब गुजरात की मुंद्रा पोर्ट से भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद किया गया था।
मलिक ने सवाल पूछते हुए कहा, भाजपा को लोगों को बताना चाहिए कि यह व्यक्ति कौन है और ऐसे शीर्ष लोगों तक उसकी पहुंच कैसे है? एनसीबी को स्पष्ट करना चाहिए कि तथाकथित छापे और गिरफ्तारी के दौरान इन दो व्यक्तियों (गोसावी और भानुशाली) को किस तरह की स्थिति में देखा गया था। गोसावी का पुणे में एक आपराधिक रिकॉर्ड है। क्या एनसीबी अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों की मदद ले रही है।
विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (विधानसभा) और प्रवीण दारेकर (विधान परिषद) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मलिक की दलीलों को तुरंत खारिज कर दिया और कहा कि वह हताश होकर आरोप लगा रहे हैं, क्योंकि उनके दामाद समीर खान को एनसीबी ने जनवरी 2021 में गिरफ्तार कर लिया था।
एनसीबी पर हमला करते हुए, मलिक ने तर्क दिया कि पूरा (छापेमारी) ऑपरेशन कपटपूर्ण था और गिरफ्तार व्यक्तियों से कोई ड्रग नहीं मिली। मलिक ने एक ऑडियो-वीडियो प्रजेंटेशन के साथ अपने दावों का समर्थन करते हुए कहा, पिछले कुछ दिनों से अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि शाहरुख खान अगला लक्ष्य होंगे। आप उनके और भाजपा के बीच संबंधों को जानते हैं।
मलिक ने सवाल पूछते हुए कहा, भाजपा और एनसीबी को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर ये दो व्यक्ति कौन हैं और उन्हें तथाकथित जहाज छापेमारी में क्यों देखा गया था? ये दोनों व्यक्ति फर्जी हैं और एनसीबी छापेमारी केवल प्रचार के लिए एक धोखाधड़ी थी। उन दोनों के साथ भाजपा के क्या संबंध हैं।
वहीं एक निजी मराठी टीवी चैनल से बात करते हुए, भानुशाली ने कहा कि उन्होंने एनसीबी को रेव पार्टी के बारे में सूचना दी थी और संबंधित केस पेपर पर अपने हस्ताक्षर करने के लिए वह गवाह के रूप में उनके साथ था। उसने मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की भी चेतावनी दी।
मलिक ने दोहराया कि सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद पिछले एक साल से, एनसीबी केवल हाई-प्रोफाइल फिल्मी हस्तियों को निशाना बना रही है और प्रचार के तरीके पर नजर रखते हुए छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह महा विकास अघाड़ी सरकार को बदनाम करने और बॉलीवुड के लोगों के दिमाग में एक डर पैदा करने के लिए किया जा रहा है।
(आईएएनएस)
Created On :   6 Oct 2021 10:00 PM IST