हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा, भाजपा सबसे बड़ी पार्टी, किसकी बनेगी सरकार
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव की सभी 90 सीटों के परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में खट्टर के नेतृत्व में 47 सीटें जीतने वाली भाजपा इस बार 40 सीट पर सिमट गई है। बावजूद इसके वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं कांग्रेस 31 सीटों पर कब्जा जमाकर दूसरे स्थान पर है। पिछले चुनाव में कांग्रेस के खाते में 15 सीटें मिली थीं। दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी ने 10 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा और कांग्रेस के सरकार बनाने के समीकरणों को बिगाड़ दिया है।
मोदी और शाह ने दिए सरकार बनाने के संकेत
चुनाव के नतीजों के बाद पीएम मोदी ने कहा कि हरियाणा में 40 सीटें जीतना अभूतपूर्व है, क्योंकि इन दिनों एक सरकार 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा करके दोबारा जीतने की घटनाएं बहुत कम होती हैं। ऐसे वातावरण में दोबारा सबसे बड़े दल के रूप में विश्वास और आशीर्वाद प्राप्त करना बड़ी बात है। वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि गत 5 वर्षों में मोदीजी के केंद्रीय नेतृत्व में खट्टर सरकार ने हरियाणा की जनता के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास किए। भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बनाकर पुनः सेवा का मौका देने के लिए जनता का अभिनंदन करता हूं।
हुड्डा ने बहुमत के लिए किया आह्वान
त्रिशंकु विधानसभा को देखते हुए कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नई सरकार बनाने के लिए जजपा समेत भाजपा विरोधी अन्य दलों को कांग्रेस को समर्थन देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मैं हरियाणा के लोगों का धन्यवाद देता हूं कि आपने भाजपा के खिलाफ जनादेश दिया। साथ ही साथ भाजपा के खिलाफ जो पार्टियां बनीं हैं चाहे वो जेजेपी हो, आईएनएलडी हो या बहुत सारे इंडिपेंडेन्ट केंडीडेट (निर्दिलीय उम्मीदवार) हैं, हम उनके साथ मिलकर हरियाणा में एक मजबूत सरकार बनाएंगे।
शुक्रवार को चौटाला खोलेंगे अपने पत्ते
जजपा राज्य में किंगमेकर की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि उन्होंने पार्टी की रणनीति पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में शुक्रवार सुबह 11 बजे पार्टी कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इस बैठक में चौटाला किसी एक पार्टी को समर्थन देकर दूसरी पार्टी को ठेंगा दिखाएंगे। जजपा को अस्तित्व में आए एक साल भी नहीं हुआ है। यह पार्टी प्रदेश के प्रमुख क्षेत्रीय दल रहे इंडियन नेशनल लोकदल (इनलो) से अलग होकर बनाई गई है।
इन चार गठजोड़ से हरियाणा में बन सकती है सरकार:-
भाजपा और निर्दलीय का गठजोड़:- भाजपा ने 40 सीटें जीतीं हैं। बहुमत के लिए उसे 6 सीटें और चाहिएं। भाजपा को ये सीटें निर्दलीय उम्मीदवार दे सकते हैं। ये वही उम्मीदवार हैं, जो बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर बागी बनकर चुनाव लड़े और जीत हासिल की। अब माना जा रहा है कि अपनी मूल पार्टी से इनकी सुलह हो जाए और अपना समर्थन देकर मनोहर लाल खट्टर को दोबारा मुख्यमंत्री बनवा दें। बीजेपी इन्हें बड़ा पद ऑफर कर सकती है, क्योंकि खट्टर सरकार के बड़े-बड़े मंत्री हार का मुंह देखकर मैदान से बाहर हो चुके हैं।
कांग्रेस-जेजेपी-अन्य का गठजोड़:- कांग्रेस के पास 31 और जेजेपी के पास 10 सीटें हैं। इस लिहाज से कांग्रेस-जेजेपी और अन्य का गठबंधन सरकार बनाना चाहे तो उसे 5 और सीटों की जरूरत पड़ेंगी। ये सीटें अन्य दलों से आएंगी, लेकिन 10 अन्य उम्मीदवारों में 6 भाजपा के बागी हैं, जिनका कांग्रेस में जाना मुश्किल है। अन्य बचे 4 कांग्रेस को समर्थन दे भी दें तो भी कुल 45 सीटें होंगी। ऐसी सूरत में भाजपा का कोई बागी नेता कांग्रेस का साथ दे तो बात बन सकती है। वहीं जेजेपी बिना शर्त किसी पार्टी को समर्थन नही देगी।
भाजपा को चौटाला का समर्थन:- ऐसी खबर सामने आ रही हैं कि चौटाला ने भाजपा को समर्थन देने की बात कही है। ऐसे में भाजपा आसानी से सरकार बना सकती है, लेकिन दिक्कत यह है कि भाजपा दुष्यंत चौटाला को मुख्यमंत्री पद नहीं दे सकती, क्योंकि दोनों पार्टियों में सीटों का अंतर काफी ज्यादा है। हालांकि बीजेपी चौटाला को डिप्टी सीएम बनाकर और निर्दलीयों का समर्थन लेकर हरियाणा में मजे से सरकार बना सकती है।
हरियाणा में कर्नाटक फॉर्मूला:- हरियाणा में भी कर्नाटक फॉर्मूला लागू हो सकता है। कर्नाटक में कांग्रेस के पास ज्यादा सीटें होते हुए भी उसने जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया था। वहां भी हरियाणा जैसे हालात थे, क्योंकि किसी पार्टी को बहुमत नहीं था, लेकिन कांग्रेस ने गैर-बीजेपी सरकार बनाने का आह्वान करते हुए सीएम कुर्सी की कुर्बानी दी और कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया। यह अलग बात है कि सरकार शुरू से डांवाडोल रही और अंततः गिर गई। कांग्रेस चाहे तो ऐसा फॉर्मूला हरियाणा में लागू कर जेजेपी का समर्थन ले सकती है।
इनलो एक पर सिमटी, 8 निर्दलीय जीते
इनलो ने जहां 2014 के विधानसभा चुनाव में 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी, वहीं अब पार्टी महज एक सीट पर सिमट गई है। प्रदेश में आठ निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं।
भाजपा के 7 मंत्री नहीं बचा पाए लाज
मुख्यमंत्री खट्टर ने करनाल सीट और दो बार के मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक जिले के गढ़ी सांपला-किलोई से जीत हासिल की। खट्टर ने कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी तरलोचन सिंह पर 45,188 मतों से जीत दर्ज की। भाजपा के निवर्तमान मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़, रामबिलास शर्मा, कविता जैन, कृष्णलाल पंवार, मनीष ग्रोवर और कृष्ण कुमार बेदी सभी को करारी हार का सामना करना पड़ा, लेकिन बावल सीट पर भाजपा के उम्मीदवार और लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी मंत्री बनवारी लाल ने जीत दर्ज की। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अंबाला छावनी से अपनी सीट बरकरार रखी।
दो मौजूदा मंत्रियों राव नरबीर सिंह और विपुल गोयल को टिकट नहीं दिया गया था और उनकी जगह नए चेहरों को लाया गया। कांग्रेस के मौजूदा विधायक कुलदीप बिश्नोई ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी और भाजपा की ओर से लड़ने वाली टिकटॉक सेलिब्रिटी सोनाली फोगाट को 29,000 वोटों से हराकर आदमपुर की सीट बरकार रखी।
चौटाला और उनकी मां जीतीं
जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला और उनकी मां नैना चौटाला ने क्रमश: उचाना कलां और बड़हरा सीटें जीतीं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला फतेहाबाद जिले में टोहाना विधानसभा सीट से जजपा के देवेंद्र सिंह बबली से 20,000 से अधिक वोटों से हार गए। बराला ने अपनी हार के बाद अपने पद से इस्तीफे की अफवाहों को खारिज कर दिया है। भाजपा उम्मीदवार और पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान संदीप सिंह ने पिहोवा में कांग्रेस के मनदीप चट्ठा को हराया। इस निर्वाचन क्षेत्र में यह भाजपा की पहली जीत थी।
अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त को हारे
सोनीपत की बरोदा सीट से भाजपा उम्मीदवार और अंतर्राष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त को हार का सामना करना पड़ा, जबकि दादरी से भाजपा की ओर से लड़ रही पहलवान बबीता फोगाट भी हार गई। भाजपा के लिए एक और प्रमुख हार उसकी मौजूदा विधायक प्रेमलता (59) के तौर पर झेलनी पड़ी। प्रेमलता पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी हैं, जिन्हें जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने जींद जिले की उचाना कलां सीट से हराया।
Created On :   25 Oct 2019 12:21 AM IST