बीरभूम कांड : तृणमूल के प्रखंड अध्यक्ष अनारुल हुसैन गिरफ्तार
- भड़की हिंसा में आठ लोगों की मौत
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बागुटी गांव में एक पंचायत उपप्रधान की हत्या के बाद भड़की हिंसा में आठ लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को नरसंहार में शामिल होने के आरोपी स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता अनिरुल हुसैन की गिरफ्तारी का आदेश दिया। साथ ही, समय पर कार्रवाई नहीं करने के लिए स्थानीय पुलिस को फटकार लगाई।
ममता बनर्जी ने तबाही स्थल का दौरा किया और रामपुरहाट-1 के तृणमूल ब्लॉक अध्यक्ष अनारुल हुसैन को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। उनके आदेश देने के तीन घंटे बाद हुसैन को हिरासत में ले लिया गया। घटनास्थल पर अपने बयान में ममता ने कहा, पीड़ितों के परिजनों ने कहा कि उन्होंने अनिरुल को फोन किया था और उसे पुलिस को बागतुई भेजने के लिए कहा था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। उन्होंने बागतुई में पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय से कहा, मैं चाहती हूं कि उसे गिरफ्तार किया जाए। वह आत्मसमर्पण कर सकता है, लेकिन मैं उसे तुरंत गिरफ्तार देखना चाहती हूं।
हुसैन तृणमूल के पहले सदस्य हैं, जिन्हें इस भीषण हिंसा के लिए सलाखों के पीछे रखा गया है, जो कथित तौर पर एक स्थानीय ताकतवर पंचायत उपप्रधान भादू शेख की हत्या के कारण हुई थी। कहा जाता है कि हुगली जिले के संधिपुर के निवासी हुसैन कांग्रेस के साथ अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। राजनीति में आने से पहले वह राजमिस्त्री का काम करते थे। कहा जाता है कि तृणमूल कांग्रेस में उन्हें पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर समर्थन हासिल करने के लिए जाना जाता है। वह 2018 से ब्लॉक अध्यक्ष पद पर हैं। ममता बनर्जी ने समय पर कार्रवाई नहीं करने के लिए स्थानीय पुलिस की भी आलोचना की और कहा कि अगर पुलिस कॉल का जवाब देती तो समस्या को टाला जा सकता था।
मुख्यमंत्री ने कहा, अगर पुलिस तुरंत मौके पर जाती तो इस घटना को टाला जा सकता था। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। जानबूझकर अपना कर्तव्य नहीं निभाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। ममता बनर्जी ने हिंसा में बाहरी लोगों के शामिल होने से हालांकि इनकार किया। उन्होंने कहा, पुलिस हर तरफ से मामले की जांच कर रही है। वे जांच कर रहे हैं कि कौन शामिल था। क्या यह स्थानीय मामला था या बाहरी लोग भी इसमें शामिल थे, पुलिस को सभी कोणों की जांच करनी होगी।
उन्होंने कहा, अनुभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) को पता था कि क्या हो रहा है, प्रभारी निरीक्षक (आईसी) को पता था कि क्या हो रहा है, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। ममता ने कहा, यहां एक बड़ी साजिश है। मैं यहां लगातार पुलिस पिकेटिंग चाहती हूं। एसडीपीओ और आईसी दोनों को निलंबित कर दिया गया है। ऐसी अटकलें हैं कि बीरभूम के पुलिस अधीक्षक नागेंद्र त्रिपाठी को जल्द ही निलंबित किया जा सकता है और धृतिमान सरकार, जो इस समय बांकुरा में तैनात हैं, बीरभूम में कार्यभार संभाल सकते हैं।
(आईएएनएस)
Created On :   24 March 2022 11:30 PM IST