बिहार: मांझी अब राजग के जरिए हम का करेंगे बेड़ा पार!

Bihar: Manjhi will now cross the fleet through NDA!
बिहार: मांझी अब राजग के जरिए हम का करेंगे बेड़ा पार!
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पटना, 2 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल के रूप में चुनाव मैदान में उतरेगी। हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बुधवार को बताया, 3 सितंबर को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा राजग का हिस्सा बनेगी, इसकी घोषणा जीतन राम मांझी खुद करेंगें।

हम इससे पहले भी राजग के साथ थी, लेकिन बाद में राजद नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा बन गई थी।

बिहार की सियासत में दलित नेता के रूप में खुद को पेश करने वाले मांझी ने 2018 में राजग को छोड़कर महागठबंधन का दामन थाम लिया था, लेकिन महागठबंधन से भी पिछले दिनों उन्होंने नाता तोड़ लिया था।

दानिश रिजवान ने कहा कि विकास के लिए हम राजग का हिस्सा बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीट हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है। हम विकास के मुद्दे पर राजग के साथ जा रहे हैं। उन्होंने हम के किसी भी पार्टी में विलय के प्रश्नों को भी पूरी तरह से नकार दिया।

मांझी ने इससे पहले 27 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई। नीतीश से मुलाकात के बाद मांझी ने अपने पत्ते नहीं खोले थे, लेकिन इतना तय माना जा रहा था कि हम अब राजग में शामिल होगी।

इसके बाद हालांकि मांझी की नजदीकियां पप्पू यादव के जन अधिकार पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) से भी बढ़ी। इसके बाद 2 सितंबर को कथित तीसरे मोर्चें को लेकर एक घोषणा की जानी थी, लेकिन हम ने मंगलवार को इस बैठक को रद्द कर दिया।

इस बीच, मांझी ने बुधवार को अपने पत्ते खोलते हुए हम को राजग के जरिए ही बेड़ा पार कराने का फैसला ले लिया।

इससे पहले मांझी नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में थे, 2014 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफो देकर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन बाद में दोनों के बीच रिश्ते में तल्खी की वजह से उन्हें पद से हटा दिया गया। इसके बाद मांझी ने अलग पार्टी बना ली।

उल्लेखनीय है कि राजद, कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और हम के गठबंधन में मांझी लगातार समन्वय समिति बनाने की मांग करते रहे थे।

मांझी ने चेतावनी दी थी अगर समिति बनाने को लेकर जल्द कोई फैसला नहीं लिया गया तो वे महागठंधन छोड़कर अलग रास्ता चुन सकते हैं। इसके बाद मांझी ने महागठबंधन को छोड़ने की घोषणा कर दी।

गौरतलब है कि मांझी 2018 में राजग को छोडकर महागठबंधन में शामिल हुए थे।

एमएनपी-एसकेपी

Created On :   2 Sept 2020 11:00 AM IST

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