सीबीआई और स्कूल सेवा आयोग की बताई अवैध भर्तियों की संख्या में बड़ा फर्क

Big difference in the number of illegal recruitments told by CBI and School Service Commission
सीबीआई और स्कूल सेवा आयोग की बताई अवैध भर्तियों की संख्या में बड़ा फर्क
बंगाल भर्ती घोटाला सीबीआई और स्कूल सेवा आयोग की बताई अवैध भर्तियों की संख्या में बड़ा फर्क
हाईलाइट
  • अवैध भर्तियों की संख्या 952 थी

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) ने कलकत्ता हाईकोर्ट को सरकारी स्कूलों में शिक्षक की नियुक्ति पाने वाले उन अपात्र उम्मीदवारों की संख्या संबंधी दो अलग-अलग सूचियां पेश कीं। न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल न्यायाधीश पीठ ने दो संस्थाओं के बताए आंकड़ों में भारी अंतर पर हैरानी जताई।

सीबीआई द्वारा उद्धृत आंकड़े 952 थे, जो डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों से बहुत अधिक थे। सबसे पहले, डब्ल्यूबीएसएससी ने जो सूची पेश की थी, उसमें कहा गया है कि 9वीं और 10वीं कक्षा के शिक्षक के लिए 183 नाम थे, जिन्होंने सिफारिशों के माध्यम से अवैध और आउट-ऑफ-टर्न नियुक्तियां हासिल कीं।

गंगोपाध्याय ने डब्ल्यूबीएसएससी को इन 183 नामों को 24 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया और साथ ही आयोग को अवैध रूप से भर्ती किए गए लोगों की सेवाएं समाप्त करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में उनकी पीठ को सूचित करने का आदेश दिया।

हालांकि, आधे घंटे के भीतर तस्वीर बदल गई, क्योंकि सीबीआई के वकील ने उसी मामले पर अपनी रिपोर्ट सौंपी और केंद्रीय एजेंसी के निष्कर्षो के अनुसार, अवैध भर्तियों की संख्या 952 थी, जो आयोग के पेश किए आंकड़ों से बहुत ज्यादा थी।

सीबीआई के वकीलों ने सहायक दस्तावेजों के रूप में ऐसे 40 उम्मीदवारों की ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट जमा की, जिनमें छेड़छाड़ की गई थी। ओएमआर शीट में कुछ ऐसे भी अंक थे, जिनके शून्य और पांच के बीच वास्तविक अंक बाद में अनुचित साधनों को अपनाकर 50 और 53 के बीच बढ़ा दिए गए थे।

इन 40 मामलों में से 20 उम्मीदवार अंतिम भर्ती सूची में थे, जबकि 20 अन्य भर्ती सूची में थे। सीबीआई के वकील ने पीठ को यह भी बताया कि इन 952 अवैध भर्तियों में से कई शिक्षक पहले से ही विभिन्न सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं।

सीबीआई और डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा उद्धृत आंकड़ों में भारी अंतर से हैरान गंगोपाध्याय ने डब्ल्यूबीएसएससी को 24 घंटे के भीतर आयोग की वेबसाइट पर अपनी सूची में इन 183 नामों को प्रकाशित करने का निर्देश देने वाले अपने पहले के आदेश को वापस ले लिया। इस मामले की गुरुवार को फिर से सुनवाई होगी।

 

 (आईएएनएस)।

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Created On :   1 Dec 2022 12:00 AM IST

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