भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक आज से तीन दिवसीय भारतीय दौरे पर

Bhutanese King Jigme Khesar Namgyel Wangchuck on three-day visit to India from today
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक आज से तीन दिवसीय भारतीय दौरे पर
विवादित बयान और यात्रा भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक आज से तीन दिवसीय भारतीय दौरे पर
हाईलाइट
  • भूटानी पीएम का विवादित बयान

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग के चीन सीमा को लेकर दिए विवादित बयान के बाद भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक  आज से तीन दिवसीय भारतीय दौरे पर आ रहे है। भूटान नरेश राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे, नांग्याल के साथ भूटान के विदेश और विदेश व्यापार मंत्री डॉ टांडी दोरजी और भूटान के शाही सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी आएंगे। नामग्याल की इस यात्रा के दौरान डोकलाम पर भूटानी पीएम का विवादित बयान एक मुद्दा होने वाला है।

आपको बता दें चीन को लेकर भूटान पीएम की तरफ से दिए गए बयान से भारत में नाराजगी है।  आपको बता दें भूटानी पीएम शेरिंग ने बेल्जियम के दैनिक न्यूजपेपर ला लेब्रे को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि 'चीन ने जो गांव बनाए हैं, वे भूटान के भीतर नहीं हैं.' साल 2020 में एक रिपोर्ट आई थी जिसके अनुसार, डोकलाम पठार के 9 किमी पूर्व में चीन ने उस क्षेत्र में गांव बसा लिया है जो भूटान का है।  इसी क्षेत्र में साल 2017 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प होने की खबरें आई थीं। भूटान पीएम ने भूटान मीडिया में चल रही चीन की भूटान में घुसपैठ को झूठा बताया। शेरिंग ने यह भी कहा है कि डोकलाम विवाद का समाधान केवल भूटान के हाथ में नहीं है बल्कि चीन भी इसमें शामिल है और भूटान, भारत के साथ चीन भी सीमा मुद्दे में एक समान हितधारक है. शेरिंग ने सुझाव दिया कि भारत, भूटान और चीन तीनों देश मिलकर इस सीमा विवाद को सुलझाएं। लेकिन अब भूटान नरेश की भारतीय यात्रा को दूरगामी दृष्टिकोण से देखा जा रहा है। उनकी इस यात्रा को दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग, साझेदारी और एक नए अवसर के तौर पर देखा जा रहा है।

आपको बता दें डोकलाम पठार भारत, भूटान और चीन के एक त्रिकोण पर स्थित है। इसके पहाड़ी इलाके पर भूटान और चीन दोनों ही अपने दावे पेश करते हैं। भारत भूटान के दावे का समर्थन करता है। साल 2017 में चीनी सेना ने इस क्षेत्र में सड़क का निर्माण शुरूकिया था जिसका भारत ने जोरदार विरोध किया था। इस दौरान चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प देखने को मिली। जिसके बाद से भारत और चीन के बीच लंबे समय तक गतिरोध की स्थिति बनी रही।

आपको बता दें भारत के चार राज्य असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम भूटान के लाथ 699 किलोमीटर लंबाई की सीमा साझा करते है। भूटान भारत के लिए एक बफर जोन के रूप में बहुत ही अहम भूमिका अदा करता है क्योंकि यह चिकन नेक कॉरिडोर की रक्षा करके चीन से कुछ हद तक भारत की रक्षा करता है।

 

Created On :   3 April 2023 1:38 PM IST

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