पराली जलाने को लेकर दो राज्यों के बीच बढ़ा विवाद, आमने-सामने आए मुख्यमंत्री मान और खट्टर 

Bhagwant Mann and Manohar Lal Khattar face to face over stubble burning
पराली जलाने को लेकर दो राज्यों के बीच बढ़ा विवाद, आमने-सामने आए मुख्यमंत्री मान और खट्टर 
पराली पर बवाल पराली जलाने को लेकर दो राज्यों के बीच बढ़ा विवाद, आमने-सामने आए मुख्यमंत्री मान और खट्टर 
हाईलाइट
  • हरियाणा सरकार खरीदेगी पराली

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर की खराब होती आबोहवा को लेकर पंजाब और हरियाणा की सरकारें आमने-सामने आ गई हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसको लेकर पंजाब को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य के मुकाबले हरियाणा में मात्र 10% ही पराली जल रही है। खट्टर ने बताया कि 2021 में अब तक हरियाणा में पराली जलाने के 2,561 मामले सामने आए हैं। इस साल अब तक 1,925 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि पंजाब में अब तक पराली जलाने के 13,873 मामले सामने आ चुके हैं। इसको लेकर एनजीटी ने राज्य को फटकार भी लगाई है।

हरियाणा, हिमाचल है वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार : गुरमीत सिंह

उधर, दिल्ली में बढ़ रहे वायु प्रदूषण के लिए पंजाब ने हरियाणा और हिमाचल प्रदेश पर निशाना साधा है। पंजाब के कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने पराली जलाने के लिए हिमाचल और हरियाणा को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि हिमाचल और हरियाणा की तुलना में पंजाब में वायु प्रदूषण कम है। इसका गवाह है एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI)।

हरियाणा सरकार खरीदेगी पराली

हर साल पराली जलने के कारण दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में हवा की क्वालिटी पर असर पड़ता है। यह दिन-प्रतिदिन और खराब हो रही है। इसके लिए राज्यों की सरकारें प्रतिबंध लगा रही हैं लेकिन इसका असर किसानों पर होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। अब इस पर लगाम कसने के लिए हरियाणा सरकार किसानों से पराली खरीदने का मास्टरप्लान बना रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने के लिए पांच सदस्यीय समितियां बनाई गई हैं। इसमें कृषि विभाग के निदेशक को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा हरेदा के महानिदेशक डॉ. मुकेश जैन, डॉ. बलदेव डोगरा और डॉ. जगमहेंद्र नैन इसके सदस्य होंगे। 

मुख्यमंत्री खट्टर ने बताया कि सरकार पराली पर आधारित नए उद्योग लगाने जा रही है। जिसके बारे में यह कमेटी सिफारिशें करेगी। इसके लिए कमेटी को 3 महीने का समय दिया गया है। फिलहाल नारायणगढ़ और शाहबाद की चीनी मिलों समेत राज्य के 24 उद्योगों ने पराली के निपटारे पर सहमति जताई है। 

Created On :   1 Nov 2022 6:54 AM GMT

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