बंगाल भर्ती घोटाला : पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ी
- सबूतों से छेड़छाड़
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता के सिलसिले में सोमवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और छह अन्य की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी।
छह अन्य लोगों में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के पूर्व अध्यक्ष और उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी सुबीरेश भट्टाचार्य, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीएसएसबी) के पूर्व अध्यक्ष, कल्याणमय गंगोपाध्याय और डब्ल्यूबीएसएससी की स्क्रीनिंग कमेटी के पूर्व संयोजक एस.पी. सिन्हा सहित अन्य शामिल हैं। उन्हें अगली बार 28 नवंबर को अदालत में पेश किया जाएगा।
सोमवार को विशेष अदालत के न्यायाधीश ने पूछा कि सीबीआई के अधिकारी उन अभ्यर्थियों को भी क्यों नहीं गिरफ्तार कर रहे हैं जिन्होंने पैसे देकर नियुक्तिपत्र प्राप्त कर लिया। न्यायाधीश ने कहा, उन्हें भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए, क्योंकि वे साजिश का हिस्सा हैं।
सीबीआई के जांच अधिकारी ने अदालत को सूचित किया कि इस मामले में पहले से ही पहचाने गए 677 उम्मीदवारों में से चार से पूछताछ की जा चुकी है और उनके बयान दर्ज कर लिए गए हैं। इस पर जज ने पूछा कि इन चारों लोगों को अभी तक हिरासत में क्यों नहीं लिया गया।
सीबीआई के वकील ने कहा कि एजेंसी के अधिकारी जैसे-जैसे साजिश की गहराई में जा रहे हैं, नए तथ्य सामने आ रहे हैं। सीबीआई के वकील ने तर्क दिया, सीबीआई साजिश के वित्तीय पहलू की जांच नहीं कर रही है। यह जांच कर रही है कि साजिश का मास्टरमाइंड कौन था और इसमें और कौन-कौन शामिल थे।
इससे पहले दिन में, चटर्जी के वकील ने जमानत याचिका दायर की और तर्क दिया कि सीबीआई अनावश्यक रूप से उनके मुवक्किल की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की कोशिश कर रही है। सीबीआई के वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि इस स्तर पर जमानत के परिणामस्वरूप सबूतों से छेड़छाड़ हो सकती है और गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है।
आईएएनएस
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Created On :   15 Nov 2022 12:00 AM IST