Video : यहां स्कूल जाने के लिए बर्तनों में बैठकर नदी पार करते हैं बच्चे

Assam: Students cross the river using aluminium pots to reach school
Video : यहां स्कूल जाने के लिए बर्तनों में बैठकर नदी पार करते हैं बच्चे
Video : यहां स्कूल जाने के लिए बर्तनों में बैठकर नदी पार करते हैं बच्चे
हाईलाइट
  • क्षेत्र के विधायक बोले- मुझे यह देखकर शर्म आ रही है
  • जल्द ही नाव की व्यवस्था करेंगे
  • बिश्वनाथ जिले के नदूवार क्षेत्र में प्राइमरी स्कूल के बच्चे रोज बर्तनों में बैठकर पार करते हैं नदी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नदी पार कर स्कूल जाने के किस्से हमने अपने आसपड़ोस के बुजुर्गों से बहुत सुने होंगे। जब भी कोई शख्स ऐसे किस्से सुनाता था, तो बड़ा अचरज होता था कि पुराने समय में लोग कैसे हर रोज नदी पार कर स्कूल जाते होंगे, लेकिन ये हालात वर्तमान भारत में भी मौजूद है। देशभर में आज भी ऐसे कई गांव हैं जहां स्कूल जाने के लिए बच्चों को नदी-नाले पार करना पड़ते हैं। ताजा तस्वीरें असम के बिश्वनाथ जिले से आई हैं। यहां बच्चे स्कूल जाने के लिए हर दिन एल्युमिनियम के बर्तन अपने साथ लाते हैं ताकि रास्ते में आई नदी को इनके सहारे पार कर सकें।

 

 

नदी पार करते हुए बच्चों के इस वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि किस तरह स्कूल के बैग टांगे ये छोटे-छोटे बच्चे एल्युमिनियम के बर्तनों में बैठते हैं और फिर अपने नन्हें-नन्हें हाथों को पतवार बनाकर नदी पार करते हैं। ये सभी बच्चे बिश्वनाथ जिले के नदूवार क्षेत्र में स्थित प्राइमरी स्कूल के हैं।

वीडियो सामने आने पर जब यहां के टीचर जे दास से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में नदी के ऊपर कोई ब्रिज नहीं है, जिसके चलते बच्चों को यह सब करना पड़ता है। उन्होंने कहा, "मुझे बच्चों की फिक्र होती है क्योंकि वे रोज एल्युमिनियम के बर्तनों में बैठकर नदी पार करते हैं, लेकिन इसके अलावा उनके पास और कोई रास्ता नहीं है क्योंकि क्षेत्र में कोई ब्रिज नहीं है। इससे पहले ये बच्चे कैले के पेड़ से बनी अस्थाई नाव का इस्तेमाल करते थे।"

इस मामले में बिश्वनाथ के विधायक प्रमोद बोर्थकुर ने कहा, "मुझे यह देखकर शर्म आ रही है। इस क्षेत्र में एक भी PWD रोड नहीं है। समझ नहीं आता कि सरकार ने कैसे एक टापू पर स्कूल को बनवा दिया। हम निश्चित रूप से बच्चों के लिए नाव की व्यवस्था करेंगे। मैं जिलाधिकारी से भी स्कूल को अन्य जगह ट्रांसफर करने के लिए कहूंगा।"
 

Created On :   27 Sept 2018 6:50 PM GMT

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