काजीरंगा नेशनल पार्क का 90 फीसदी हिस्सा पानी में डूबा, बड़ी संख्या में जानवरों की मौत
- असम के 33 जिलों में से 30 जिले बाढ़ की चपेट में
- जानवरों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
- बाढ़ से आफत में काजीरंगा नेशनल पार्क के जानवर
डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। असम में भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ लोगों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी मुसीबत बनती जा रही है। देशभर में प्रसिद्ध काजीरंगा नेशनल पार्क का 90 फीसदी से ज्यादा हिस्सा पानी में डूब गया है। इससे जानवरों पर आफत आ गई है। अब तक 11 जानवरों की मौत हो चुकी है। वहीं पोबितोरा वन्य प्राणी पार्क के कई रास्ते भी जलमग्न हो चुके हैं। बता दें कि, असम के 33 जिलों में से 30 जिले बाढ़ की चपेट में हैं।
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल राज्य के हालातों को लेकर पीएम मोदी से बात कर चुके हैं। वहीं केंद्र सरकार की ओर से राज्य को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया गया है। असम में बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। ब्रह्मापुत्र और उसकी सहायक नदियों के उफान पर होने से ये स्थिति बनी हुई है।
जलसैलाब से होते हुए जानवर अपने लिए सुरक्षित ठिकाने तलाश रहे हैं। आने-जाने के रास्तों पर भी पानी भरा हुआ है। असम में बाढ़ ने इंसान और जानवर दोनों को बेघर कर दिया है। पानी के प्रहार से बचने के लिए सब अपना घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों पर शरण ले रहे हैं।
काजीरंगा नेशनल पार्क में चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। इस नेशनल पार्क में सूखी जमीन खोजना मुश्किल हो गया है। गौरतलब है कि, काजीरंगा नेशनल पार्क एक सींग वाले गैंडे के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है लेकिन इन दिनों यही जानवर अपनी जान बचाने के लिए जमीन तलाश रहे हैं। बाढ़ के पानी से यहां के जानवरों की जिंदगी पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। जगह-जगह जानवर पानी में तैरते हुए नजर आ रहे हैं।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में लगभग एक हजार हाथियों के साथ सैकड़ों हिरण हैं। ब्रह्मपुत्र नदी में आई बाढ़ के बाद काजीरंगा पार्क छोटे-छोटे द्वीप में बदल गया है। जानवर बेघर होते जा रहे हैं। हालांकि बाढ़ में फंसे जानवरों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है। इसके बाद भी हिरण, हाथी और बाघ सहित अब तक में कुल 11 जानवर अपनी जान गवां चुके हैं।
Created On :   16 July 2019 10:19 AM GMT