सियाचिन ग्लैशियर के फॉरवर्ड पोस्ट तक जा सकेंगे आम नागरिक, सेना कर रही विचार
- ग्लेशियर पर जमा देने वाली ठंड में भारतीय सैनिक देश की रक्षा के लिए हर समय तैनात रहते हैं
- सियाचिन ग्लैशियर को आम नागरिकों के लिए खोलने की योजना सेना बना रही है
- सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने एक सेमिनार के दौरान इस योजना का जिक्र किया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने के बाद, सेना अब भारतीय नागरिकों के लिए सियाचिन ग्लेशियर जैसे कई हाई एल्टिट्यूड वाले सैन्य स्थानों को खोलने की योजना बना रही है। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने एक सेमिनार के दौरान इस योजना का जिक्र किया था। इस सेमिनार में वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरलों सहित कई अधिकारी शामिल हुए थे।
सेना के टॉप सूत्रों ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में सेना के प्रमुख ने कहा, "सेना और इसके ऑपरेशनल चैलेंज के बारे में जानने की लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है।" उन्होंने कहा कि "यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए अच्छा होगा। जैसा कि फोर्स नागरिकों को ट्रेनिंग सेंटर और ट्रेनिंग इंस्टीट्यूशन का दौरा करने की अनुमति देता रहा है, अब हम सियाचिन ग्लेशियर जैसे कुछ फॉरवर्ड पोस्ट को भी खोलने की योजना बना रहे हैं।" हालांकि अभी इस मामले पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है और सेना की ओर से इस बात पर विचार चल रहा है कि लोगों को कहां तक आने देना है, कितनी ऊंचाई तक की मंजूरी आम लोगों को देनी है।
सियाचिन ग्लेशियर लद्दाख का हिस्सा है जिसे अब नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर राज्य से अलग करके एक केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया है। सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है। 13,000 से 22,000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित इस ग्लेशियर पर जमा देने वाली ठंड में भारतीय सैनिक देश की रक्षा के लिए हर समय तैनात रहते हैं। दुश्मन की गोली से ज्यादा मुश्किल यहां ठंड से निपटना है। यहां जवानों को -50 डिग्री तापमान तक का सामना करना पड़ता है, यहां अधिकतर जानें हिमस्खलन में जाती हैं।
सेना के सूत्रों ने कहा कि लद्दाख और आस-पास के स्थानों पर जाने वाले भारतीय फेमस कारगिल युद्ध के टाइगर हिल जैसे प्रमुख स्थानों की यात्रा करने की अनुमति का अनुरोध करते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान भारतीय सेना की इस योजना का विरोध कर सकता है? सूत्रों ने कहा कि पूरा क्षेत्र भारत का है और इन मामलों पर फैसला लेने का अधिकार भारतीय प्रशासन के पास है।
2007 से भारत आम नागरिकों को सियाचिन बेस कैंप से 11,000 से 21,000 फीट तक की ऊंचाई पर स्थित अन्य स्थानों पर ट्रेकिंग करने की अनुमति दे रहा है। लेकिन अब सेना की कुछ चौकियों तक जाने की अनुमति देने पर विचार चल रहा है।
Created On :   24 Sept 2019 11:14 AM GMT