थल सेना प्रमुख जनरल नरवणे पांच दिन की श्रीलंका यात्रा पर

डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। पड़ोसी देशों के साथ सामरिक संबंधों की द्दष्टि से एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को श्रीलंका की पांच दिन की यात्रा के लिए प्रस्थान किया। वह वहां 16 अक्टूबर तक रहेंगे। जनरल नरवणे की थल सेना प्रमुख के रूप में श्रीलंका की यह पहली यात्रा है। उनकी इस यात्रा से पड़ोसी देश के साथ रक्षा और सामरिक क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और विस्तार मिलने की उम्मीद है। जनरल नरवणे श्रीलंका प्रवास में वहां की सेनाओं के बड़े अधिकारियों एवं सत्ता पक्ष के नेताओं से मुलाकात करेंगे और उनके साथ रक्षा संबंधों को विस्तार देने तथा प्रतिरक्षा से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उनका कोलंबो में श्रीलंका की सेना के विभिन्न अंगों के प्रमुखों से मिलने तथा सैन्य मुख्यालय, गजबा रेजीमेंट मुख्यालय और श्रीलंका सैन्य अकादमी में जाने का भी कार्यक्रम है। सेनाध्यक्ष वहां भारत और श्रीलंका की सेनाओं के संयुक्त अभ्यास ‘मित्र शक्ति’ के आठवें संस्करण के अंतिम चरण को भी देखेंगे। यह युद्धाभ्यास अंपारा स्थित युद्ध प्रशिक्षण स्कूल में चार अक्टूबर से चल रहा है और 15 अक्टूबर को सम्पन्न होने वाला है। जनरल नरवणे बटलांडा में श्रीलंका के डिफेंस सर्विसेज कमांड एंड स्टाफ कालेज के छात्रों और प्राध्यापकों को भी संबोधित करेंगे। इस यात्रा में जनरल नरवणे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से भी मुलाकात करेंगे। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक एवं सामरिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इसी माह के शुरू में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला भी श्रीलंका की यात्रा पर गए थे। श्रीलंका इस समय कोविड-19 महामारी से उत्पन्न संकट के साथ वित्तीय मुश्किलों से भी जूझ रहा है। तटीय सुरक्षा, आतंकवाद से लड़ाई और नौवहन एवं आर्थिक प्रगति की द्दष्टि से भारत के लिए श्रीलंका एक महत्वपूर्ण सहयोगी और भागीदार माना जाता है।
(वार्ता)
Created On :   12 Oct 2021 2:42 PM IST