राष्ट्रपति को सम्मान देने से इनकार करने पर शर्म आती है: आरिफ खान

Arif Khan says Shame on refusing to honor President
राष्ट्रपति को सम्मान देने से इनकार करने पर शर्म आती है: आरिफ खान
शर्मनाक राष्ट्रपति को सम्मान देने से इनकार करने पर शर्म आती है: आरिफ खान
हाईलाइट
  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को मानद डी. लिट् की उपाधि देने से केरल विश्वविद्यालय ने किया इन्कार

डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को मानद डी. लिट् की उपाधि से इनकार करने के केरल विश्वविद्यालय के फैसले पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि उन्हें इस पूरे प्रकरण पर शर्मिदा होना पड़ा है और यह वाकई शर्मनाक है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच कुलपति की नियुक्ति को लेकर चल रही तनातनी से राजनीतिक माहौल बहुत रखराब हो गया है।

श्री खान ने दिल्ली से आने के तुरंत बाद मीडिया से बात करते हुए कि वह शर्मिदा हैं और शर्म से सिर झुकाना पड़ रहा है।

श्री खान ने कहा, केरल विश्वविद्यालय देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है और इसके कुलपति पांच पंक्तियों को भी सही ढंग से नहीं लिख सकते हैं। वह ठीक से बोल भी नहीं सकते हैं। मुझे वास्तव में शर्म आ रही थी।

श्री खान ने कहा कि उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ था कि पिछले 10 वर्षों से केरल विश्वविद्यालय में कोई दीक्षांत समारोह नहीं हुआ है, इसलिए उन्होंने कुलपति वी.पी. महादेवन पिल्लई को एक ऐसा कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा।

उन्होंने बताया एक महीने के बाद वह मेरे पास वापस आए और मैंने उससे कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से भारत के राष्ट्रपति के पास दीक्षांत समारोह में शमिल होने का आग्रह करने के लिए जाऊंगा।

लेकिन पांच दिसंबर को उन्होंने राजभवन में फोन किया और वह जो कह रहे थे उसे सुनकर मैं चौंक गया। जब मैंने सुना कि वह क्या कह रहे हैं, तो मुझे खुद को सामान्य करने में 10 मिनट का समय लगा। इसके तुरंत बाद मैंने मुख्यमंत्री को फोन किया।

अब केरल विश्वविद्यालय के कुलपति की तरफ से श्री खान को भेजा गया हस्तलिखित पत्र सामने आया है जिसमें गलतियाँ हैं और यह कहा गया है कि सिंडिकेट ने राष्ट्रपति को डी. लिट प्रदान करने के निर्णय को ठुकरा दिया है।

श्री खान ने श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के चयन के तरीके की भी आलोचना करते हुए कहा मुझे सिर्फ एक नाम दिया गया था और मुझे बताया गया था कि आवेदन करने वाले छह अन्य इस पद के लायक नहीं थे ।

इसका क्या अर्थ है, आवेदन करने वाले छह प्रोफेसर बिल्कुल भी योग्य नहीं हैं। यह केरल में उच्च शिक्षा मानकों की गुणवत्ता को दर्शाता है।

इसी मसले पर 31 दिसंबर को विपक्ष के पूर्व नेता रमेश चेन्निथला ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे इस बात पर सफाई दें कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को मानद डी. लिट प्रदान करने के लिए चांसलर के रूप में खान की सिफारिश को क्यों खारिज कर दिया गया।

श्री चेन्निथला ने सोमवार को कहा कि विजयन की चुप्पी खतरनाक है। उन्होंने कहा समय समाप्त हो गया है और विजयन अब इस तरह चुप नहीं रह सकते हैं, उन्हें बताना होगा कि वाकई में हुआ क्या है।

(आईएएनएस)

Created On :   10 Jan 2022 9:30 PM IST

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