सीमावर्ती गांवों को जीवंत बनाने के कार्यक्रम की घोषणा
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- सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी का विकास और सुधार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अरुणाचल प्रदेश और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगे गांवों पर चीनी क्षेत्रीय दावों का मुकाबला करने के उद्देश्य से मंगलवार को नए वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की घोषणा की। मकसद है, सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी का विकास और सुधार करना। एलएसी के करीब चीनी मॉडल गांवों का मुकाबला करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, विरल आबादी वाले सीमावर्ती गांव, सीमित संपर्क और बुनियादी ढांचा अक्सर विकास लाभ से छूट जाते हैं। उत्तरी सीमा पर ऐसे गांवों को नए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत कवर किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि यह कार्यक्रम ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण, कंक्रीट के घरों, पर्यटन केंद्रों, बेहतर और सुलभ सड़क संपर्क, नवीकरणीय ऊर्जा के प्रावधान, सरकारी स्वामित्व वाले दूरदर्शन और अन्य शैक्षिक चैनलों की डीटीएच सेवाओं के साथ-साथ अधिक आजीविका सृजन जैसी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
गृह मंत्रालय सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती राज्यों को वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है। अब मौजूदा योजनाओं को मिला दिया जाएगा और सरकार नियमित रूप से उनके परिणामों की निगरानी करेगी। सीमा प्रबंधन के लिए एमएचए आवंटन चालू वित्तवर्ष में 1,921.39 करोड़ रुपये से लगभग 43 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 के लिए 2,517.02 करोड़ रुपये हो गया है।
सरकार के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सुरक्षा व्यवस्था के अधिकारियों ने कहा कि चीनी सेना एकीकृत मॉडल गांवों का निर्माण कर रही है जो एलएसी के पास छावनियों का विस्तार हैं, ताकि सैन्य और नागरिक आबादी एक साथ रह सकें।
(आईएएनएस)
Created On :   2 Feb 2022 2:30 AM IST