मंडियों में अचानक गिरे प्याज के भाव से सरकार पर फूटा किसानों का गुस्सा, बमुश्किल 1 से 3 रुपये किलो बिक रही मेहनत की फसल
- मजबूरी में कम दाम में प्याज बेचना पड़ रहा है।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश की जनता बढती महंगाई से परेशान है। हाल यह है कि आम जनता के घर का बजट खाद्य वस्तुओं के साथ ही तेल के दाम ने बिगाड रखा है। वहीं दूसरी ओर किसानों की फसलों के दाम में भारी गिरावट देखी जा रही है। मध्यप्रदेश के किसान प्याज की कीमतों से भारी नराज है। किसानों को प्याज कि कीमत कई जिलों में मात्र 1 रूपए किलो मिल रहा है। हाल यह है कि किसानों को उनकी लागत का दाम भी नहीं मिल पा रहा है। किसान ऐसी स्थिति में बहुत परेशान है और सरकार से मदद करने की बात कर रहे है जिससे उनको प्याज के सही दाम मिल पाए।
मंडियों में अचानक गिरे प्याज के दाम
प्याज की नई फसल आने के बाद से ही मंडियों में अचानक इसकी कीमतों में गिरावट देखी गई है। अब हाल यह है कि रोजाना सैकड़ो किसान अपनी प्याज लेकर मंडी में आ रहे है लेकिन प्याज की मिल रही कीमतों को सुनकर हैरान है। उज्जैन मंडी की बात करें तो यहां प्याज की कीमत 1 रूपए किलो तक आ गई है। वहीं छिंदवाड़ा मंडी में किसानों को प्याज के दाम 2 रूपए से लेकर 5 रूपए तक ही मिल रहे है।
किसानों ने जताई नराजगी
मंडियों में प्याज के कम दाम से मिलने पर किसान काफी नाराज है। छिंदवाड़ा के किसान मोनू पटेल ने बताया कि उन्होंने लगभग 4 बीगा खेत में प्याज की खेती की है। उन्हें उम्मीद थी की प्याज कीमत कम से कम 10 से 12 रूपये किलो मिलेगी। उनका कहना है कि इस साल प्याज की फसल में बीमारी आने के कारण हर बार की अपेक्षा काफी कम उत्पादन मिला है। इसके बाद भी मजबूरी में कम दाम में प्याज बेचना पड़ रहा है।
वहीं किसान हीराराम ने बताया कि उनको 1 बीघा जमीन पर प्याज की खेती में 18000 हजार रूपए से अधिक लागत लगती है। लेकिन हाल में मिल रहे प्याज के भाव से उनको काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उनका कहना है कि किसान की लागत भी पूरी तरह से नहीं निकल पा रही है।अगर ऐसे ही हाल रहे तो जो किसान कर्ज लेकर प्याज कि खेती करते है उनको अपनी जमीन बेचकर कर्ज चुकाना पड़ेगा।
मंडी |
भाव प्रति किलो |
देवास |
1से 2 रूपए/- |
कालापीपल |
2 से 3 रूपए /- |
पिपरिया |
3 से 6 रूपए /- |
नीमच |
1 से 5 रूपए /- |
छिंदवाड़ा |
2 से 5 रूपए /- |
मंदसौर |
4 से 8 रूपए /- |
सरकार से मदद की अपील
किसानों का कहना है कि सरकार बड़े बड़े वादे करती है और कहती है कि किसानों को लागत से दोगुना मुनाफा दिलायेगी लेकिन हाल यह है कि किसानों को लागत की कीमत तक नहीं निकल पा रही हैं। किसानों का कहना है वर्तमान समय में किसान दोहरी मार झेल रहे है सरकार को ऐसे समय में किसानों की मदद करनी चाहिए। क्योंकि एक ओर सरकार ने गेंहू के निर्यात को बंद कर दिया है जिससे उसकी कीमतों में भी भारी गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ प्याज की कीमतों से उनकी लागत तक नहीं निकल पा रही है।
Created On :   27 May 2022 6:42 PM IST