2014 में देवदूत बनकर आए पीएम मोदी, 177 देशों को भारत से जोड़ने का काम किया- अमित शाह

Amit Shah addresses the inaugural session of National Conference on Delivering Democracy
2014 में देवदूत बनकर आए पीएम मोदी, 177 देशों को भारत से जोड़ने का काम किया- अमित शाह
दिल्ली 2014 में देवदूत बनकर आए पीएम मोदी, 177 देशों को भारत से जोड़ने का काम किया- अमित शाह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकतंत्र को लेकर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि साल 2014 के बाद विश्व पटल पर भारत की संस्कृति का देवदूत बनकर पीएम मोदी ने 177 देशों की सहमति लेकर आज हमारे योग, आर्युवेद को दुनिया भर में पहुंचाने का काम किया है। मैं मानता हूं कि आजादी के बाद भारत की संस्कृति का ध्वज वाहक बनकर पीएम मोदी ने UN में भाषण किया है।

शाह ने कहा, 2014 के चुनाव के पहले मनमोहन जी की सरकार 10 वर्ष समाप्त कर चुकी थी। मनमोहन जी के 10 वर्ष के शासन में उनकी कैबिनेट का हर व्यक्ति प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री नहीं मानता था, अपने आप को प्रधानमंत्री मानता था। देश की सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं था, विदेशों में देश का सम्मान शायद उस समय सबसे नीचे था। 12 लाख करोड़ रुपये के घपले-घोटाले हुए, भ्रष्टाचार चरम पर था। उस समय भाजपा ने 2014 के चुनाव में नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित किया। ऐसे समय में मोदी जी का नाम आते ही लोगों के अंदर का आक्रोश आशा में परिवर्तित होता दिखने लगा।

शाह ने कहा, भारत की आजादी को 75 वर्ष हो गए हैं, 75 वर्ष तक भारत की जनता की जब हम आजाद हुए, हमारे देश की संविधान सभा बनी, संविधान सभा ने मल्टी पार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम को स्वीकार किया। बहुत सोच समझकर स्वीकार किया था जो उचित फैसला था। इतना बड़ा देश, इतनी विविधताओं वाला देश, किसी व्यक्ति के आधार पर चुन कर नहीं आना चहिए। मल्टी पार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम होना चाहिए, हर पार्टी की एक आईडियोलॉजी होनी चाहिए।

शाह ने कहा, नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने कई सारे बदलाव लाने का प्रयास किया। बहुत सारे कार्य उन्होंने गुजरात में किए। रिफॉर्म्स, पारदर्शिता पर उन्होंने काम किए। उन्होंने वहां सर्व स्पर्शी और सर्व समावेशक विकास की शुरुआत की। किसी भी विकास के लिए सबसे बड़ी जरूरत शिक्षा की होती है। मुझे अभी ट्रोल किया गया था, मगर मैं फिर से बोलना चाहता हूं कि अनपढ़ों की फौज लेकर कोई देश विकास नहीं कर सकता, उसको पढ़ाने की जिम्मेदारी शासन की है। मैं अनपढ़ व्यक्ति के खिलाफ नहीं हूं, वो तो इस सिस्टम का विक्टिम है। उसको पढ़ाने का प्रयास करने का शासन का दायित्व है, जो ये दायित्व पूरा नहीं कर सकता वो उसका गुनेहगार है

शाह ने कहा, नरेन्द्र मोदी जी ने योजनाएं बनाते वक्त उसके साइज और स्केल को बदल दिया। उदाहरण के तौर पर- अगर पहले किसी योजना में ये कहा जाता था कि 10,000 लोगों को पक्का घर देंगे। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी ने निर्णय किया कि हम 2022 के पहले सभी को पक्का घर देंगे। मैं पहली बार संघ की शाखा में 12 मार्च 1980 को गया था, तब से लेकर मैं अनुच्छेद 370 और 35ए हटाएंगे-हटाएंगे सुनता था। 2019 को मोदी जी को अपार जनसमर्थन मिला और 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से हमेशा के लिए अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त किया गया।

शाह ने कहा, विश्व पटल भारत की संस्कृति का देवदूत बनकर मोदी जी ने योग को 177 देशों की सहमति लाकर आज हमारे योग, आर्युवेद को दुनिया भर में पहुंचाने का काम किया है। मैं मानता हूं कि आजादी के बाद भारत की संस्कृति का ध्वज वाहक बनकर श्री नरेन्द्र मोदी जी ने UN में भाषण किया है। मोदी सरकार में स्वास्थ नीति में अमूलचूल परिवर्तन हो रहा है। स्वास्थ की पॉलिसी में इस प्रकार का परिवर्तन हो रहा है कि अंतिम व्यक्ति तक को सरकार की स्वास्थ्य की सभी सुविधाएं मिले।

Created On :   27 Oct 2021 3:38 PM IST

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