7 अप्रैल को बंद रहेंगे महाराष्ट्र के निजी स्कूल, ये है बड़ा कारण
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के 10 हजार निजी स्कूलों के 12 सौ करोड़ रुपए के बकाया अनुदान की मांग को लेकर सात अप्रैल को सभी स्कूल बंद रखे जाएंगे। जिन स्कूलों में परीक्षाएं होंगी, वहां लोग काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। स्कूलों के प्रतिनिधियों का कहना है कि शिक्षा का अधिकार (RTE) कानून के तहत उन्हें 25 फीसदी सीटों पर गरीब बच्चों को दाखिला देना होता है, लेकिन सरकार इसके लिए निर्धारित अनुदान देने में आनाकानी कर रही है। इसके अलावा शिक्षा सुधार की मांग करते हुए दिल्ली के रामलीला मैदान में शिक्षा से जुड़े संगठन आंदोलन कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करेंगें।
नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (नीसा) से जुड़े भरत मलिक ने बताया कि RTE के तहत पिछले चार सालों में स्कूलों में गरीब विद्यार्थियों को दाखिला दिया लेकिन बदले में सरकार ने अनुदान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को पैसे दिए हैं लेकिन राज्य सरकार ने स्कूलों को पैसे नहीं दिए। इस बाबत आरटीआई से जानकारी हासिल करने की कोशिश भी नाकाम रही। उन्होंने कहा कि बाकी राज्य RTE के लिए भुगतान कर रहे हैं सिर्फ महाराष्ट्र ऐसा नहीं कर रहा है।
स्कूलों के संगठनों के बीच फूट डालने की कोशिश
संगठन से जुड़े अनएडेड स्कूल के एससी केडिया ने कहा कि सरकार निजी स्कूलों के संगठनों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रही है। लेकिन स्कूलों के साथ-साथ अभिभावक भी हमारे साथ हैं। सात अप्रैल को व्यवस्थापक, शिक्षक, अभिभावक सभी दिल्ली जाकर न्याय की गुहार लगाएंगे। अगर सरकार ने हमारी बात नहीं सुनी तो शिक्षा बचाओ अभियान शुरू किया जाएगा। केडिया ने इस दौरान CBSE 10वीं, 12वीं पेपर लीक मामले पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि स्कूल शुरू करने के लिए 22 लाइसेंस लेने पड़ते हैं लेकिन कोचिंग क्लास शुरू करने के लिए कोई लाइसेंस नहीं लगता यहीं से पेपर लीक की घटनाएं होतीं हैं।
Created On :   30 March 2018 6:17 PM GMT